मऊगंज में विगत कुछ सप्ताह पहले मध्य प्रदेश कि सबसे वीभत्स घटनाएं देखने को मिली है। जिसके नियंत्रण में पुलिस प्रशासन अब अपना विस्तार करने जा रहा है। इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी ने पुलिस मुख्यालय को एक प्रस्ताव भेजा है। जिसमें हाटा, पिपराही, भीर और खटखरी पुलिस चौकियों को थाना का रूप दिया जाएगा। इसके साथ ही 5 स्थानों पर नई पुलिस चौकी बनाई जाएगी जिसमें, बहेराडाबर, जड़कुड़, पहाड़ी, बहुती, शामिल है। जिसका प्रस्ताव भेज दिया गया है।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दी कि जिले में पुलिस बल की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष सशस्त्र बल (SF) की दो बटालियन की भी माफ की गई है. जिला बनने के बाद मऊगंज में शिखा कांड, पुलिस पिटाई कांड, देवरा महादेवन दंगा कांड और गडरा कांड जैसी बड़ी घटनाओं ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने में मजबूर कर दिया. इन्हीं स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मऊगंज में नए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति की थी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का मऊगंज दौरा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मई के अंतिम सप्ताह तक मऊगंज के देवतालाब क्षेत्र में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस दौरान पुलिस थानों और चौकिया और एसएस बटालियन सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाओं पर मोहर लगेगी। स्थानीय प्रशासन को ऐसी उम्मीद है कि इन कदमों से मऊगंज जिले में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था मजबूत होगा। कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने का बड़ा लक्ष्य लिया गया है। मऊगंज जिले में लगातार कई बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं।

गडरा कांड ने मचाया था हड़कंप

मध्य प्रदेश का सबसे चर्चित मऊगंज गडरा गांव कांड की घटना ने सभी को हैरान कर दिया था। यहां ग्रामीणों के द्वारा युवक की हत्या की गई युवक को बचाने पहुंची पुलिस पर भी जानलेवा हमला हुआ। जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई इसके बाद यह गांव पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो गया है। यहां तक की मुख्यमंत्री मोहन यादव को मऊगंज कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाया गया था। उनके स्थान पर नई पदस्थापना की गई थी।