Mauganj News: मऊगंज का इतिहास बेहद समृद्ध और गौरवशाली रहा है। यह क्षेत्र कभी मऊ राज के नाम से जाना जाता था, जहां 11वीं शताब्दी में सिंगर राजाओं का शासन हुआ करता था। समय के साथ सत्ता परिवर्तन हुआ, और 14वीं शताब्दी में बघेलों ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इसी संघर्ष के कारण यह क्षेत्र रीवा जिले का हिस्सा बन गया।

मऊगंज तहसील से जिला बनने का सफर

मऊगंज को रीवा जिले से अलग करके मध्य प्रदेश का 53वां जिला बनाया गया। इससे पहले, रीवा जिले में 11 तहसीलें थीं, जिनमें मऊगंज, हनुमना और नईगढ़ी को मिलाकर नया जिला गठित किया गया। इसके बाद देवतालाब को भी इस जिले में शामिल किया गया, जिससे मऊगंज में कुल 4 तहसीलें हो गईं।

मऊगंज जिले की संरचना

गांवों की संख्या: 1070

राजस्व सर्किल: 12

पटवारी हल्के: 264

विधानसभा सीटें: 2 (मऊगंज और देवतालाब)

रीवा संभाग में नया जिला

मऊगंज के गठन से पहले रीवा संभाग में चार जिले थे—रीवा, सतना, सीधी, और सिंगरौली। अब मऊगंज को शामिल करने के बाद, यह संभाग पांच जिलों का समूह बन गया है। मऊगंज के बनने से पहले रीवा संभाग का सबसे बड़ा जिला रीवा था, लेकिन अब सतना इस संभाग का सबसे बड़ा जिला बन गया है।

मध्य प्रदेश में जिलों का विस्तार

मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या समय-समय पर बढ़ती रही है

2003: अशोकनगर, अनूपपुर और बुरहानपुर को अलग कर 48 जिले बनाए गए।

2008: अलीराजपुर और सिंगरौली के गठन से 50 जिले हो गए।

2013: अगर मालवा को अलग कर 51वां जिला बनाया गया।

2018: निवाड़ी जिले के गठन से कुल जिले 52 हो गए।

2023: मऊगंज को जिला बनाने के बाद मध्य प्रदेश में अब 53 जिले हैं।

मऊगंज के प्रमुख पर्यटन स्थल

मऊगंज जिला प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध है। प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:

1. बहुती जलप्रपात: यह मध्य प्रदेश का सबसे गहरा वाटरफॉल है, जिसकी ऊंचाई लगभग 180 मीटर है। यह सालर नदी पर स्थित है, जो बाद में बिहड़ नदी में मिलती है।

2. हनुमान मंदिर, देवधर

3. अष्टभुजी मंदिर

4. रामजानकी मंदिर

5. आलोपन मंदिर

6. थड़ी पथरदेवा मंदिर

7. आमदारी (एक रहस्यमयी स्थल): यहां का पानी कभी नहीं सूखता, और यह धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है।

मऊगंज जिला बनने की मांग और संघर्ष

मऊगंज को जिला बनाने की मांग वर्षों से की जा रही थी। इस मांग को सबसे पहले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने उठाया था। इसके बाद कांग्रेस नेता सुखेंद्र सिंह बन्ना ने 50,000 लोगों के साथ दो बार प्रदर्शन किया। अंततः तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की।

नया जिला, नई पहचान

मऊगंज के जिला बनने से न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि यहां के लोगों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। अब यह जिला शिक्षा, पर्यटन, और कृषि के नए केंद्र के रूप में विकसित होने की ओर बढ़ रहा है।

मऊगंज का यह सफर ऐतिहासिक रहा है, और आने वाले वर्षों में यह जिला मध्य प्रदेश के विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।