मऊगंज

मऊगंज जिले में महिलाएं परेशान,न्याय के लिए तरस रही लाडली बहने,करेंगी आमरण अनशन,जानें क्या है मामला

Women are troubled in Mauganj district, Laadli sisters are yearning for justice, will go on hunger strike, know what is the matter

Mauganj News: मध्यप्रदेश के नवगठित जिले मऊगंज से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां लाडली बहने न्याय के लिए दर दर भटक रही हैं। जिनकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। मीडिया से बात कर 4 लाडली बहनों ने दर्द बताया है।यह पूरा मामला मऊगंज जिले के नईगढ़ी का है। जहां लाडली बहनों के हिस्से की जमीन बेंच ली गई है।

पैसे की आवाज पर तबले की थाप जैसा नाचता कानून और अधिकार बिक रहे हैं खरीददार है तो खरीद लो पैसा है तो सब मुमकिन है। आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं दरअसल ये बात चरित्रवली बहनों के बारे में है एक बार फिर नया जिला मऊगंज चर्चा में आया है।

इस बार वजह न तो अपराध है और न ही पुलिस व्यवस्था. इस बार लाडली बहनों की दुर्दशा का मामला सामने आया है, एक बार फिर कलेक्टर कार्यालय के सामने आमरण अनशन की चेतावनी दी गई है। लाडली बहनों ने आमरण अनशन की चेतावनी क्यों दी है,आइए जानते हैं।

एक तरफ सरकार बेटे-बेटियों में भेदभाव खत्म करने के लिए लाख प्रयास कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने का खेल किस तरह चल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण नईगढ़ी तहसील के भीर गांव से सामने आया है, जहां लाडली बहनें अपने हिस्से की जमीन पाने के लिए कई सालों से आमरण अनशन पर मजबूर हैं।

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तहसील कलेक्ट्रेट SDM कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता ने बताया कि उसके पिता का बचपन में ही निधन हो गया था, जिसके बाद सारी जमीन उसकी मां के नाम हो गई थी। उसके भाई की बेटी ने उसके हिस्से की जमीन बेच दी। पीड़िता का कहना है कि उसके भाई की बेटी ने उसकी सारी जमीन बेच दी है, जिसके चलते वह दर-दर भटकने को मजबूर है।

कार्रवाई न होने पर लाडली बहनें अब मऊगंज कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठने जा रही हैं। मऊगंज एसडीएम से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन मामले का समाधान नहीं हुआ। अंत में जब कोई रास्ता नहीं बचा तो लाडली बहनों ने अनशन का रास्ता चुना। बड़ा सवाल यह है।

कि क्या पीड़ितों को न्याय पाने के लिए अनशन ही एकमात्र रास्ता बचा है। क्या गाइडलाइन से हटकर पैसे के बल पर किए गए उत्तराधिकार हस्तांतरण को निरस्त किया जाएगा? क्या इन बहनों को न्याय मिलेगा?  इसका निर्णय आने वाले समय में किया जाएगा।

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

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