मध्य प्रदेश

MP News: मध्य प्रदेश के इन 15 जिलों का बदल जाएगा नक्शा, जुड़ेंगे 1395 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन

MP News today: प्रदेश के 15 गांवों का नक्शा बदल रहा है। यह बदलाव देवास और सीहोर जिले के खिवनी अभ्यारण्य को भारत सरकार द्वारा इको सेंसिटिव जोन में शामिल किए जाने से हो रहा है।

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के 15 गांवों का नक्शा बदल रहा है। यह बदलाव देवास और सीहोर जिले के खिवनी अभ्यारण्य को भारत सरकार द्वारा इको सेंसिटिव जोन में शामिल किए जाने से हो रहा है। इस संबंध में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। अभ्यारण्य में जहां देवास के 15 गांवों को इको सेंसिटिव जोन में शामिल किया गया है, वहीं सीहोर जिले की 1395 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन भी जोड़ी जा रही है।

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर खिवनी अभ्यारण्य

देवास और सीहोर जिले में 134.778 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। अब इसका दायरा और बढ़ाया जा रहा है। अभ्यारण्य में बाघों समेत अन्य मांसाहारी जानवरों के संरक्षण के लिए इसका क्षेत्रफल बढ़ाया जा रहा है।

खिवनी अभ्यारण्य दरअसल जैव विविधता का खजाना है। यहां स्तनधारी, पक्षी और सरीसृपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। इस अभयारण्य में पक्षियों की 155 प्रजातियाँ और तितलियों की 55 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ बाघ, तेंदुआ, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, लकड़बग्घा, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सूअर, चार सींग वाला तीतर और शाही पक्षी दूधराज जैसे जंगली जानवर पाए जाते हैं।

अभयारण्य की समृद्ध जैव विविधता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां 69 वृक्ष प्रजातियां, 23 शाकीय और 12 झाड़ीदार प्रजातियां पाई जाती हैं। यह उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती सागौन का जंगल है, जहां परजीवी, घास और बांस भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।

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खिवनी अभयारण्य का अब विस्तार किया जा रहा है। इसमें सीहोर जिले की 1395 हेक्टेयर जमीन जोड़ी जा रही है। इस वन भूमि में करीब 1100 हेक्टेयर जमीन आष्टा वन क्षेत्र से जबकि 295 हेक्टेयर जमीन इछावर वन क्षेत्र से ली जाएगी।

अधिकारियों के अनुसार खिवनी वन्यजीव अभयारण्य की सीमा का विस्तार किया जा रहा है। इसे इको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया है। इसके लिए अभयारण्य के आसपास दो किलोमीटर तक के क्षेत्र को अधिसूचित किया जा रहा है।

वर्तमान में खिवनी वन्य जीव अभ्यारण्य में देवास जिले के कन्नौद एवं खातेगांव वन क्षेत्र तथा सीहोर जिले के आष्टा एवं इछावर क्षेत्र का कुल 21071 हेक्टेयर वन क्षेत्र सम्मिलित है। अब इको सेंसिटिव जोन का विस्तार करते हुए देवास जिले के 15 गांवों को इसमें सम्मिलित किया गया है।

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

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