मध्यप्रदेश में लागू हुई नई तबादला नीति: अब मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना नहीं होगा कोई ट्रांसफर
राज्य में 60 हजार से अधिक कर्मचारियों के तबादले की संभावना, कलेक्टर को जिले के अधिकारियों के ट्रांसफर की मिली सीमित छूट

मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए नई तबादला नीति 2024-25 को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है। यह नीति 1 अप्रैल 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक प्रभावी रहेगी। विशेष बात यह है कि इस अवधि में कोई भी ट्रांसफर मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना संभव नहीं होगा।
आधे रात में जारी हुआ आदेश
29 अप्रैल को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिलने के बावजूद सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) की ओर से आदेश कुछ दिन रुके रहे। लेकिन आखिरकार शनिवार और रविवार की मध्य रात 12:05 बजे यह नीति लागू कर दी गई। यह सभी विभागों पर समान रूप से लागू होगी।
अब कलेक्टर को मिलेगा सीमित अधिकार
नई नीति के तहत कलेक्टर को यह अधिकार मिल गया है कि वे जिले के भीतर ज्वाइंट कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार के तबादले कर सकें। हालांकि इसके लिए उन्हें प्रभारी मंत्री से पूर्व सहमति लेनी होगी।
60 हजार से अधिक ट्रांसफर की संभावना
प्रदेश में वर्तमान में लगभग 6.06 लाख नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। नीति के अनुसार, अधिकतम 10% कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जा सकता है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब 60,000 कर्मचारियों का तबादला अगले एक वर्ष में संभव है।
3 प्रमुख बातें जो आपको जाननी चाहिए
1. विभागीय नीति की स्वतंत्रता: हर विभाग अपनी जरूरत के अनुसार ट्रांसफर नीति बना सकता है, लेकिन GAD की गाइडलाइन का पालन आवश्यक होगा।
2. सीएम की समन्वय आवश्यक: यदि किसी विशेष परिस्थिति में GAD की नीति से हटकर ट्रांसफर करना हो, तो इसके लिए मुख्यमंत्री की स्वीकृति अनिवार्य होगी।
3. जिले के भीतर ट्रांसफर प्रक्रिया: जिला संवर्ग और राज्य संवर्ग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ट्रांसफर कलेक्टर और प्रभारी मंत्री की अनुमति से किया जाएगा।