MP News: मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में राजस्व वसूली तेज करने के लिए तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। राजधानी भोपाल में आठ नजूल क्षेत्रों में करीब 18 तहसीलदार व नायब तहसीलदार और 60 पटवारी जमीनों के रखरखाव व प्रबंधन से जुड़े राजस्व की वसूली में लगे हुए हैं। हालांकि, अब तक निर्धारित लक्ष्य का केवल 18% ही वसूला जा सका है, जबकि अधिकारियों को 32 लाख रुपये की वसूली करनी है।

क्या है राजस्व वसूली और क्यों है जरूरी?

राजस्व विभाग भूमि कर (लैंड टैक्स) की वसूली करता है, जिसे भूमि महसूल या तोजी भी कहा जाता है। यह हर कृषि भूमि मालिक को चुकाना होता है और इसकी गणना भूमि के प्रकार, क्षेत्रफल, उपजाऊ क्षमता, स्थान और सरकारी योजनाओं के आधार पर की जाती है। पटवारी और राजस्व निरीक्षक (आरआई) के माध्यम से इस कर की वसूली सुनिश्चित की जाती है।

प्रशासन की सख्ती और चेतावनी

सरकार ने आदेश दिए हैं कि मार्च के आखिरी दिन तक सभी तहसीलों में निर्धारित लक्ष्य की वसूली पूरी होनी चाहिए। यदि अधिकारी और कर्मचारी इसमें विफल रहते हैं तो उनके वेतन से कटौती की जा सकती है। इस चेतावनी के बाद तहसील स्तर पर हलचल बढ़ गई है और अधिकारी तेजी से बकाया वसूली में जुट गए हैं।

क्या वसूली का लक्ष्य पूरा हो पाएगा?

वर्तमान स्थिति को देखते हुए अधिकारियों के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल करना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। समय कम बचा है और अब तक वसूली की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी रही है। प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे सख्त कदमों का असर कितना होता है, यह मार्च के अंत तक ही साफ हो पाएगा।