रीवा की 30 स्कूलों के प्रति खुश नहीं हुई कलेक्टर, बालभारती सहित इन विद्यालयों पर 2 लाख की पेनाल्टी
कलेक्टर के पास अभिभावकों की लगातार जांच पहुंच रही थी। इसी मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जांच बैठा दी गई। 30 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ तीन दलों ने जांच की। तीन दिनों तक जांच चली। स्कूलों में फीस वृद्धि और पुस्तकों की जांच की गठे। इसमें पिछले साल और इस साल की फीस वृद्धि की रिपोर्ट खंगाली

प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ की गई जांच के बाद सौंपी गई रिपोर्ट से कलेक्टर खुश नहीं हुईं। कलेक्टर ने सभी स्कूलों की अलग अलग जांच रिपोर्ट तलब की है। कलेक्टर रीवा प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसलिए कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट पर अलग से रिपोर्ट तलब की है। बालभारती सहित कई स्कूलें रडार पर हैं। ज्ञात हो कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत प्राइवेट स्कूलों में हो गई है। नए सत्र की शुरुआत के साथ ही फीस और पुस्तकों का दबाव भी अभिभावकों पर बढ़ गया है। लगातार पहुचं रही शिकायतों को देखते हुए कलेक्टर ने तीन टीमें बनाकर 30 स्कूलों की जांच कराई थी। जांच के बाद तीन दिनों में जांच रिपोर्ट कलेक्टर ने तलब की थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद रिपोर्ट कलेक्टर के पास प्रस्तुत की। कलेक्टर इस रिपोर्ट पर नाखुश हुई। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को इस मामले में नाराजगी जताते हुए सभी स्कूलों की अलग अलग रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस पर अब स्कूल शिक्षा विभाग अलग अलग रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। इस रिपोर्ट में कई स्कूलें कार्रवाई के दायरे में फंस रही हैं।
अब इसमें फंस गए स्कूल संचालक
कलेक्टर के पास 30 स्कूलों की जांच रिपोर्ट एक साथ प्रस्तुत की गई। इसमें कलेक्टर बिफर गईं। उन्होंने सभी स्कूलों की रिपोर्ट अलग अलग तलब की है। इसमें जांच के दौरान पिछले साल संचालित प्रकाशकों की किताबें और इस साल संचालित प्रकाशकों की किताबों की जानकारी तलब की गई हैं। अधिकांश स्कूलों ने इस साल एनसीआरटी की पुस्तकें लागू कर दी हैं। इसी में सभी फंस रही हैं। पिछले साल कुछ और इस साल एनसीआरटी की पुस्तकें दिखाने पर जांच के रडार में आ गई हैं। इसी तरह फीस वृद्धि की भी पिछले और इस साल की जांच रिपोर्ट तलब की गई हैं।
सभी पर 2 लाख रुपए जुर्माना लगेगा:
कलेक्टर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर कार्रवाई करने में मूड में हैं। बार बार निर्देशन के बाद भी प्राइवेट स्कूल संचालक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि कलेक्टर सभी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के मूड में हैं। जिला स्तर पर आयोजित पुस्तक मेला में भी जिला प्रशासन की बदनामी हुई। कई अभिभावक निराश होकर लौटे। ऐसे में निजी प्रकाशकों से प्राइवेट स्कूलों की सांठगांठ की सजा इन्हें मिलनी तय है। निजी प्रकाशकों से सीधे कमीशन के फेर में सांठगांठ के कारण निजी स्कूल संचालक हर साल किताबें बदल देते हैं।