नए प्रस्तावित नियमों के अनुसार, अब 25 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित बेटियों को भी परिवार पेंशन का लाभ मिलेगा, जो अब तक 25 की उम्र के बाद इस हक से वंचित रह जाती थीं। जब तक उनका विवाह नहीं होता, तब तक उन्हें पेंशन मिलती रहेगी। इसके साथ ही विधवा और परित्यक्ताओं (जिन्हें पति ने बिना तलाक के छोड़ दिया हो) को भी जीवनभर पेंशन दी जाएगी।

जून-जुलाई में लागू हो सकते हैं नए नियम

संभावना है कि राज्य मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद यह संशोधित पेंशन नीति जून या जुलाई 2025 तक लागू कर दी जाएगी। इससे उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जिनके पास अन्य आय के साधन नहीं हैं और जो पेंशन पर निर्भर हैं।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

इस फैसले से न केवल आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक ठोस कदम माना जा रहा है।

कर्मचारी आयोग की अहम भूमिका

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जीपी सिंघल की अध्यक्षता में बने कर्मचारी आयोग ने यह सिफारिश की थी कि अविवाहित बेटियों के लिए पेंशन पात्रता की आयु सीमा बढ़ाई जाए और विधवाओं को भी इस लाभ में शामिल किया जाए। इस सिफारिश को वित्त विभाग के पास भेजा गया, जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि भारत सरकार पहले ही 28 अप्रैल 2011 को इस तरह के नियम लागू कर चुकी है। अब मध्य प्रदेश भी इस नीति को अपनाकर राज्य के हजारों परिवारों को राहत देने जा रहा है।