मध्य प्रदेश के इन शहरों में बजेगा युद्ध का सायरन, इतने बजे से बत्ती रहेगी गुल जानिए क्यों? तैयार है प्रदेश
Mock drill in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में जनता की सुरक्षा और आपदा की स्थिति से तैयार रखने के लिए आज शाम 4:00 बजे से रात के 8:00 तक मॉक ड्रिल किया जाएगा।

Mock drill in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में जनता की सुरक्षा और आपदा की स्थिति से तैयार रखने के लिए आज शाम 4:00 बजे से रात के 8:00 तक मॉक ड्रिल किया जाएगा। मॉक ड्रिल का लक्ष्य नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना तथा नागरिको को युद्ध से लेकर जागरूक करना तथा उन्हें प्रशिक्षित करना और सभी प्रकार के इमरजेंसी स्थितियों से लड़ने के लिए तैयारी को अध्ययन रखना है। इस अभ्यास के दौरान लोगों को सायरन के जरिए काल्पनिक हमले की सूचना दी जाएगी इसके बाद ब्लैक ब्लॉकआउट का अभ्यास होगा
मध्य प्रदेश 7 से 8 तक होगी मॉक ड्रिल
ब्लैकआउट आज मध्य प्रदेश में होगा जो शाम 7:40 से निर्धारित किया गया है। इस दौरान संभावना है कि लोग घरों और कार्यायलयों की बत्तियां बंद कर दें साथ ही खिड़कियों पर पर्दे लगा दें। खतरा होने की सूचना सायरन बजाकर फिर से दी जाएगी, इसके बाद बत्तियां वापस चालू की जा सकती है। अपील की गई है कि भीड़भाड़ ना करें साथ ही अफवाह ना फैलाएं और यातायात तथा पुलिस व एंबुलेंस जैसी जरूरत सेवाओं को सुचारू रूप से चलने दें। स्पष्ट किया है कि अभ्यास से किसी भी नागरिक को भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
अगर किया मॉक ड्रिल का उल्लंघन तो
अगर कोई यह नियम तोड़ता है तो सिविल डिफेंस एक्ट 1968 की धारा 19 के तहत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का उल्लंघन किया तो उसे 3 महीने तक की जेल या फिर ₹500 तक का आर्थिक जुर्माना या दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं।
एमपी के 5 शहर क्यों हैं महत्वपूर्ण ?
भोपाल - राजधानी होने के साथ ही यहां सेना की इंफेंट्री, सीआरपीएफ की बटालियन है। भेल कारखाना है। साइबर मुख्यालय, स्टेट डेटा सेंटर भी।
इंदौर - महू में आर्मी वॉर कॉलेज है। यहां सेना से जुड़ा अनुसंधान भी किया जाता है। इंदौर में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर, बीएसएफ फायरिंग रेंज है।
ग्वालियर - बीएसएफ एकेडमी, आर्मी बेस, सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर, एयरफोर्स स्टेशन के साथ ही रक्षा अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण डीआरडीई सेंटर है।
जबलपुर - यहां अलग-अलग आयुध निर्माणियां हैं, जो सेना के लिए 155 एमएम धनुष तोप, असॉल्ट राइफल और लड़ाकू वाहन बनाती हैं।
कटनी- यहां की ऑर्डनेंस फैक्ट्री में सेना के लिए तोप के गोलों और कारतूस के खोखे बनाए जाते हैं। देश का महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन भी है।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का मकसद
एयररेड वॉर्निंग सिस्टम के दौरान अलर्टनेस चेक करना।
इंडियन एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो कम्युनिकेशन जोड़ना।
मेन और सहयोगी कंट्रोल रूम की वर्किंग सही हो, यह सुनिश्चित करना।
हमले की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को अपनी रक्षा करना सिखाना।
हमले की स्थिति में लोगों को सुरक्षित निकालने का प्लान और उसका एक्जीक्यूशन चेक करना।
ब्लैक आउट के दौरान उठाए जाने वाले सभी कदमों का रिव्यू करना।
ब्लैक आउट की स्थिति में क्या करना है, यह बताना।
महत्वपूर्ण संस्थानों और बड़े प्लांट्स को कैसे छिपाना है, यह बताना।
सिविल डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट करना, इमरजेंसी में आम नागरिकों की मदद करने वाली टीम, फायरफाइटर्स, रेस्क्यू ऑपरेशन का मैनेजमेंट। जैसे मकसद होंगे।