आपने मकान गिरवी रखने के बारे में तो सुना होगा। लोग सोना-चांदी तक गिरवी रख देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गांव गिरवी रखने के बारे में सुना है? जी हां, गुना में ऐसा ही एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां एक सरपंच ने अपनी पंचायत को ठेके पर दे दिया है। दरअसल, गुना के करोद ग्राम पंचायत की सरपंच लक्ष्मीबाई और पंच रणवीर सिंह कुशवाह ने एक एग्रीमेंट किया। इसके लिए ₹100 के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट भी हुआ और करोद ग्राम पंचायत को ₹20 लाख में गिरवी रख दिया गया। इस एग्रीमेंट में साफ लिखा था कि चुनाव जीतने के बाद पंचायत में जो भी विकास कार्य होंगे उसका 5% कमीशन सरपंच को दिया जाएगा।

इसलिए विकास कार्य कराने के लिए पंच रणवीर सिंह कुशवाह को सरपंच प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएगा। चौंकाने वाली बात यह है कि यह एग्रीमेंट 28 नवंबर 2022 को हुआ महिला सरपंच और पंच दोनों को पंचायत एक्ट की धारा 40 के तहत बर्खास्त कर दिया गया. इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि इस मामले को बहुत गंभीरता से लेते हुए पंच रणवीर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.

गुना कलेक्टर किशोर कुमार ने बताया कि हमारे जिले में दो पंचायतों से ऐसी शिकायतें मिली थीं. जब इसकी जांच की गई तो पाया गया कि कुछ दस्तावेजी तथ्य थे. उस आधार पर दोनों पंचायतों के सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्हें उनके पदों से हटा दिया गया है. और जिन लोगों के साथ एग्रीमेंट हुआ था, जो प्राइवेट प्लेयर थे और ऐसा लग रहा था कि शायद सबसे ज्यादा परेशानी की वजह वही हैं, इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है ताकि भविष्य में हमारे जिले में ऐसी घटना न हो और यह भी चेतावनी है कि अगर कोई कहीं ऐसा कर रहा है तो अपने आप इस दिशा में आगे न बढ़े और अगर हमें और कोई जानकारी मिलती है तो हम ऐसी कार्रवाई करेंगे.

जिला पंचायत गुना को शिकायत मिली थी कि करोद पंचायत की सरपंच लक्ष्मीबाई ने अपना सरपंच पद ठेके पर दे रखा है. जिसके बाद जिला पंचायत ने इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेजी थी. जिसके बाद 9 मई को जिला पंचायत सीईओ ने जिला पंचायत को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. इसके बाद जनपद पंचायत ने 13 मई को कैंट थाना प्रभारी को मामला दर्ज कराने के लिए पत्र लिखा था. शुरुआती जांच के बाद 17 मई को कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.

आपको बता दें कि सरपंच ने पंचों से जो एग्रीमेंट किया था, उसमें साफ तौर पर लिखा था कि सरपंच ने चुनाव लड़ने के लिए गांव के हेमराज सिंह धाकड़ से ₹20 लाख का कर्ज लिया था और बदले में उसके पति ने साइन किए हुए चेक दिए थे. अब एग्रीमेंट की इस रकम को लौटाने की जिम्मेदारी भी रणवीर सिंह पर थी. फिलहाल इस पूरे मामले का खुलासा 22 साल बाद हुआ है. जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया.