मध्य प्रदेश बिजली बिल: प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित बिजली उपभोक्ताओं को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ,गुजरात के मुकाबले लगभग दोगुना बिजली बिल भरना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति तब है जब सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी के बड़े दावे करती है। यहां तक की बिजली बिलों में वृद्धि न करने की बातें भी करती है।

पड़ोसी राज्यों से महंगी है MP की बिजली

प्रदेश में करीब 200 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को करीब 1425 का मासिक बिल थमाया जाता है। इसी श्रेणी के उपभोक्ता को छत्तीसगढ़ में 900 और गुजरात में 750 रुपए हर महीने का भुगतान करना होता है। मतलब प्रदेश से करीब 500 से ₹700 कम राशि में दी जा रही है। ऐसे उपभोक्ता जो एक महीने में 300 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करते हैं। उन्हें मध्य प्रदेश में करीब 2342 रुपए प्रतिमाह शुल्क देना पड़ता है जबकि छत्तीसगढ़ में लगभग 1450 और गुजरात में 1253 रुपए प्रति महीने देने होते हैं। इस हिसाब से मध्य प्रदेश में बिजली बिल दोगुना बन रहा है।

मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सचिव उमाकांत पांडा ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजली के मामले में उपभोक्ताओं को निरंतर राहत और सुविधा दे रहे हैं बिल में अंदर स्थानीय वजहों से संभव है। यहां नियामक आयोग सभी पक्षों को सुनने के बाद उनकी दरें तय करता है।

300 यूनिट तक खपत पर

मध्यप्रदेश में 2342 रुपए बिल

छत्तीसगढ़ में 1450 रुपए बिल

गुजरात में 1253 रुपए बिल

200 यूनिट तक खपत पर

बिजली बिल माफ करें सरकार

उत्कृष्ट समाज सेवी शुभम प्रसाद मिश्रा ने कहां हम प्रदेश वासी महंगाई की मार झेल रहे है। इन दिनों भीषण गर्मी में जीवन अस्त पस्त है। ऐसे में बिजली अगर आधे घंटे भी गुल रहती है। तो जीना कठिन हो जाता है। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से बिजली में काफी सुधार हुआ है। लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में यहां बिजली बिल महंगी है। उन्होंने कहां सरकार को गर्मी के 3 महीने प्रदेश वासियों बिजली बिल आधे दरों में देना चाहिए या माफ कर देना चाहिए.