मध्य प्रदेश में सांसद और विधायकों को सैल्यूट करेंगे पुलिस अधिकारी, भोपाल मुख्यालय से जारी हुआ आदेश
मध्य प्रदेश की बड़ी खबर; पुलिस मुख्यालय भोपाल से एक आदेश जारी हुआ है जिसमें सांसद और विधायकों को पुलिस अधिकारी सम्मान देंगे और उनके निर्देशों का पालन करेंगे।

माननीय मंत्रीगणों/संसद सदस्यों एवं विधायकों के साथ शासकीय अधिकारी /कर्मचारियों के शिष्ट व्यवहार विषयक को लेकर पुलिस मुख्यालय भोपाल से एक पत्र जारी हुआ जिसमें उल्लेख किया गया है कि संसद सदस्य और माननीय विधायकों के साथ शिष्ट व्यवहार करेंगे। या सैल्यूट करेंगे। यहां तक की अगर कोई संसद सदस्य और विधायक किसी मामले को लेकर अधिकारियों के पास जाएंगे या फोन पर जानकारी देंगे तो तत्काल उस पर संज्ञान लेते हुए निराकरण करेंगे। जारी आदेश से यह तय हो गया कि पूरा प्रशासनिक कंट्रोल अब सांसद और विधायकों को मिलेगा। इससे पहले सीएम मोहन यादव की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था कि जिला प्रभारी मंत्री और मंत्रीगण अपने विभाग के कर्मचारी/अधिकारी का ट्रांसफर कर सकेंगे।
सांसद और विधायकों को ऐसे देने पड़ेगा सम्मान
कृपया उपरोक्त विषयांतर्गत संदर्भित परिपत्रों का अवलोकन करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से शासन द्वारा माननीय मंत्रीगणों / संसद सदस्यों एवं विधायकों के साथ शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के शिष्ट व्यवहार विषयक समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं उनके पालन के साथ-साथ निम्नानुसार पुनः निर्देशित किया जा रहा है
1/माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के शासकीय कार्यक्रम/ सामान्य भेट के दौरान उनका अभिवादन वर्दीधारी अधिकारी / कर्मवारी सेल्यूट के माध्यम से करे
2/माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों द्वारा प्रेषित पत्रों का उत्तर अपने हस्ताक्षर से समय सीमा में प्रेषित करें।
3/ जब कभी कोई माननीय संसद सदस्य या विधायक किसी अधिकारी से उनक कार्यालय में मिलने आये तो उनसे सर्वोच्च प्राथमिकता से मिले और मिलने के प्रयोजन का विधिसम्मत निराकरण करें।
4/माननीय संसद सदस्यो एवं विधायको द्वारा जब भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को दूरभाष पर जन समस्या को लेकर संपर्क किया जाता है तब वे उन्हें ध्यानपूर्वक सुने और शिष्टतापूर्वक विधिसम्मत् जवाब दे।
MP में मंत्रियों को ट्रांसफर का अधिकार
मध्य प्रदेश में मंत्रियों को अपने विभाग के कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर अधिकार प्रदान किए गए। लेकिन राज्यपत्रिक अधिकारियों का स्थानांतरण करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकार होगा। जिले के अंदर तबादले करने का अधिकार उस जिले के प्रभारी मंत्री को दिया गया था। प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के तहत जिला कलेक्टर एक जिले में जिले के अंदर ट्रांसफर कर सकेंगे।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस फैसले का किया विरोध
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव से सवाल करते हुए इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहां है कि " मुख्यमंत्री जी, सवाल साफ है - शराब/रेत/भूमाफिया को बचाने सत्ताधारी विधायक जब थाने पहुंचेंगे, तो सैल्यूट देने के बाद पुलिस के पास कार्रवाई के लिए कितनी हिम्मत बचेगी?
मैं @BJP4MP सरकार के इस निर्णय का विरोध करता हूं! यह कहना भी चाहता हूं कि यह अपरिपक्व निर्णय पुलिस के मनोबल को कमजोर करने की साजिश है!