मऊगंज के बाद MP में फिर हुआ एक और हादसा,पटवारी सहित SDO की पिटाई और छीना मोबाइल
MP News खंडवा में पटवारी और एसडीओ के साथ मारपीट की घटना घटी, जिसमें एसडीओ का मोबाइल भी छीना गया। पटवारी संघ ने थाने में विरोध किया, लेकिन मेडिकल जांच नहीं करवाई गई।

MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा में बुधवार शाम एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां पटवारी अमित गंगराड़े और उनके एसडीओ मित्र राहुल पटेल के साथ मारपीट की गई। घटना के दौरान न सिर्फ पटवारी को पीटा गया, बल्कि वीडियो बना रहे एसडीओ का मोबाइल भी छीन लिया गया और उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
घटना कैसे घटी?
पटवारी अमित गंगराड़े और एसडीओ राहुल पटेल नागचून से अपनी ड्यूटी खत्म कर लौट रहे थे। इसी दौरान खानशाहवली क्षेत्र में कुछ लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान एसडीओ राहुल पटेल का मोबाइल भी छीना गया और उनके साथ भी मारपीट की गई।
सूत्रों के अनुसार, पटवारी गंगराड़े शराब के नशे में थे और उन्होंने रास्ते में एक बच्चे को हल्की टक्कर मार दी थी। इसी बात को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया और विवाद बढ़ गया, जो अंततः मारपीट में बदल गया।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही पटवारी संघ के सदस्य थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की। एसडीएम बजरंग बहादुर को घटना की सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने सीएसपी अभिनव बारंगे को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और पटवारी तथा एसडीओ से पूछताछ की।
टीआई धीरेश धारवाल ने दोनों अधिकारियों का मेडिकल परीक्षण कराने का सुझाव दिया, लेकिन पटवारी संघ के सदस्य इससे सहमत नहीं हुए और अमित गंगराड़े को अस्पताल ले जाने की बजाय घर भेज दिया गया।
अभी तक दर्ज नहीं हुई शिकायत
पुलिस के अनुसार, पटवारी और एसडीओ ने अब तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। हालांकि, पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है। मामले की सच्चाई पता लगाने के लिए घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
पुलिस का कहना है कि यदि पीड़ित पक्ष शिकायत दर्ज कराता है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पटवारी संघ इस घटना से नाराज है और जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाने की मांग कर सकता है।
यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा और उनके आचरण से जुड़े कई सवाल खड़े करता है। आगे की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि असल में गलती किसकी थी और क्या उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।