Bhopal news अमित शाह पहुचे भोपाल किया बड़ा ऐलान, कहा- अब सहकारी समितियां चलाएंगी पेट्रोल पंप
भोपाल में नरोत्तम मिश्रा ने किया स्वागत

Bhopal news केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे. जहां उन्होंने ऐलान किया है कि पेट्रोल पंपों का संचालन अपेक्स कमेटी करेगी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे. उन्होंने रवींद्र भवन में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में हिस्सा लिया. इसके बाद मध्य प्रदेश दुग्ध संघ और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान अमित शाह ने ऐलान किया है कि देश में अब सहकारी समितियां पेट्रोल पंप संचालित करेंगी. साथ ही वे एलपीजी का वितरण भी संभालेंगी.
Apex Committee अब पेट्रोल पंप चलाएगी- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस मंच से देशभर की सभी राज्य सरकारों को बधाई देना चाहता हूं. आपने मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर सहकारी क्षेत्र को नया जीवन दिया है. एक समय अपेक्स केवल अल्पकालिक कृषि वित्त पोषण करते थे. उन्हें लगभग आधा प्रतिशत का लाभ होता था. इसके बजाय, आज 20 से अधिक राज्यों में अपेक्स काम करता है। अपेक्स समितियां अब पेट्रोल पंप चलाएंगी और गैस वितरित करेंगी।
‘भारत में मॉडल बायलॉज स्वीकार किए गए’
शाह ने आगे कहा कि आज भी सहकारिता राज्य का विषय है। भारत सरकार राज्य सूची में कोई बदलाव नहीं कर सकती, लेकिन कर को पुनर्जीवित करना, डेयरी क्षेत्र को बढ़ाना, सहकारिता को उत्पादन के क्षेत्र में ले जाना, शहरी सहकारी बैंकों, जिला सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों का सुचारू प्रबंधन जैसे सभी काम कैसे होंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रालय को सबसे पहले मॉडल बायलॉज तैयार करके सभी राज्य सरकारों को भेजना चाहिए। कई पत्रकार अटकलें लगा रहे थे कि मॉडल बायलॉज राजनीति की भेंट चढ़ जाएंगे। कई गैर-भाजपा शासित राज्य बायलॉज को स्वीकार नहीं करेंगे। मैं कहना चाहता हूं कि मॉडल बायलॉज को पूरे भारत में स्वीकार किया गया है। जब आपकी नीयत सही होगी, मेहनत बढ़ेगी, तो नतीजे भी सही होंगे।
शाह ने कहा- मध्य प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। मेरा मानना है कि हमें अपनी संभावनाओं का शत-प्रतिशत दोहन करने के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। वर्षों पुराना सहकारिता आंदोलन धीरे-धीरे खत्म हो रहा था। अगर पूरे देश के सहकारिता आंदोलन को देखें तो यह बहुत संतुलित हो गया है। कुछ राज्यों में सहकारिता आंदोलन आगे बढ़ा है।