मध्य प्रदेश बोर्ड की परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव: अब साल में दो बार होंगी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं
MP Board Exam New Rule: मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की एमपी बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार होगी, सप्लीमेंट्री परीक्षा समाप्त, रिजल्ट दोनों परीक्षाओं पर आधारित होगा।

मध्य प्रदेश में शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और छात्र हितैषी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी, ठीक उसी तरह जैसे सीबीएसई बोर्ड में होता है। यह नई व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगी।
कैसे होगी नई परीक्षा प्रणाली?
अब बोर्ड परीक्षा दो चरणों में होगी:
पहली परीक्षा – फरवरी-मार्च में
दूसरी परीक्षा – जुलाई-अगस्त में
परीक्षा का परिणाम दोनों परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। पहले पूरक परीक्षा का विकल्प था, लेकिन अब इस नए सिस्टम में पूरक परीक्षा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
मुख्य बदलाव और लाभ
1. द्वितीय परीक्षा में सुधार का अवसर – यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में कम अंक प्राप्त करता है या असफल होता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।
2. पूरक परीक्षा समाप्त – अब विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे सीधे द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
3. अस्थायी प्रवेश की अनुमति – अगले सत्र में विद्यार्थियों को अस्थायी रूप से अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।
4. विषय परिवर्तन की अनुमति नहीं – एक बार जो विषय चुना गया है, उसे बदला नहीं जा सकेगा।
5. प्रायोगिक विषयों में सुधार का मौका – यदि कोई विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा में असफल होता है, तो वह सिर्फ फेल हुए हिस्से में परीक्षा देकर अपने अंक सुधार सकता है।
छात्रों को क्या करना होगा
जो विद्यार्थी द्वितीय परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन पत्र भरना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया उन्हें परीक्षा के अगले मौके के लिए तैयार करने में मदद करेगी।
नई व्यवस्था क्यों फायदेमंद है
इस नई परीक्षा प्रणाली से छात्रों पर दबाव कम होगा और उन्हें अपनी पढ़ाई में सुधार करने का अधिक मौका मिलेगा। यह उन छात्रों के लिए भी लाभकारी होगा जो किसी कारणवश पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। अब उन्हें साल दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके बेहतर परिणाम आने की संभावना बढ़ जाएगी।
इस बदलाव से मध्य प्रदेश बोर्ड की शिक्षा प्रणाली और अधिक प्रभावी और छात्र अनुकूल बन जाएगी।