गुना जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत से जुड़ा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की करौंद पंचायत की सरपंच लक्ष्मी बाई ने कथित रूप से कर्ज के बदले पंचायत के कार्यों का नियंत्रण एक स्थानीय निवासी रणवीर सिंह कुशवाह को सौंप दिया। यह सौदा 2022 में एक नोटरीकृत हलफनामे के जरिए किया गया था, जिसमें 100 रुपये के स्टांप पेपर पर दोनों के बीच एक लिखित समझौता किया गया।

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब गुना के उप जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जांच के बाद जिला पंचायत अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रणवीर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें कहा गया है कि उसने सरपंच का कर्ज चुकाने का वादा कर पंचायत पर अधिकार जमा लिया और बाद में उसे एक तीसरे व्यक्ति को सौंप दिया।

जांच के बाद जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक दुबे ने कार्रवाई की पुष्टि की है। रिपोर्ट के अनुसार, यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पंचायत चुनाव में भाग लेने के लिए सरपंच ने कर्ज लिया था, हालांकि FIR में इस बात का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

सरपंच के पति शंकर सिंह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी से कोई आर्थिक मदद नहीं ली गई। अब लक्ष्मी बाई को उनके पद से हटा दिया गया है।

FIR में दर्ज जानकारी के मुताबिक, पंचायत कार्यों को चलाने के अधिकार का यह कथित सौदा पूरी तरह से दस्तावेज़ी था। हालांकि, 'टीएस लागत' और अन्य वित्तीय विवरण स्पष्ट नहीं हैं।