मध्यप्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसके तहत अगले दो वर्षों में राज्य के 10 प्रमुख शहरों को "ग्रीन सिटी" के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना में उन शहरों को प्राथमिकता दी जा रही है जो ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

शुरुआत सांची और खजुराहो से

सरकार ने इस पहल की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सांची और खजुराहो से की है। इन शहरों में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को तेजी से बढ़ाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

ये शहर आ सकते हैं योजना में शामिल

महेश्वर, चंदेरी, मांडू, ओरछा, अमरकंटक, भीमबेटका, ओंकारेश्वर और चित्रकूट जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक शहरों को इस योजना में शामिल करने की तैयारी है। यहां 75% बिजली की आपूर्ति सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से की जाएगी।

100% हरित ऊर्जा का लक्ष्य

धार्मिक स्थलों, स्कूलों, आंगनवाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी संस्थानों में 100% नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा। सुबह 6 से रात 8 बजे तक खुलने वाले सभी सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।

नए बदलाव जो ग्रीन सिटी को बनाएंगे खास

सभी स्ट्रीट लाइट्स सोलर से संचालित होंगी।

हॉकर्स और वेंडर्स को सोलर लैंटर्न दिए जाएंगे।

बड़े उपभोक्ताओं (6 किलोवाट से अधिक) को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहन और सहायता दी जाएगी।

बहुमंजिला इमारतों में सोलर रूफटॉप अनिवार्य किया जाएगा।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों पर 50% बिजली नवीकरणीय होगी।

बायोगैस प्लांट और सामुदायिक सौर खेती को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश की हरियाली की ओर एक मजबूत कदम

यह पहल न केवल पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों को स्वच्छ और ऊर्जा-सक्षम बनाएगी। ग्रीन सिटी मिशन राज्य को एक नई पहचान देगा — जहां परंपरा और पर्यावरण दोनों का संतुलन होगा।