मध्य प्रदेश

MP News: MP के 22 जिले 3150 गांव 6 लाख हेक्टेयर ज़मीन 75 हजार करोड़ रुपए की लागत से 5 नदियों को जोड़ने का प्रोजेक्ट

MP News: नदियों को जोड़ने वाली दो बड़ी परियोजनाएं इसी महीने शुरू होने जा रही हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले बुंदेलखंड में केन और बेतवा को जोड़ा जाएगा

MP News: नदियों को जोड़ने वाली दो बड़ी परियोजनाएं इसी महीने शुरू होने जा रही हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले बुंदेलखंड में केन और बेतवा को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों को पानी मिलेगा। दूसरी है पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना। इन तीनों नदियों को जोड़ने से मध्य प्रदेश में चंबल से लेकर मालवा तक को फायदा होगा।

पीकेसी परियोजना से राज्य के 12 जिलों में सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलेगा। दोनों परियोजनाओं का शिलान्यास इसी महीने होने की संभावना है। पीकेसी परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को जयपुर से करेंगे। कार्यक्रम में राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव,

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दोनों राज्यों के जल संसाधन विभागों के मंत्री, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी मौजूद रहेंगे। इन परियोजनाओं की खास बात यह है कि केन-बेतवा लिंक देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है और पीकेसी दूसरी परियोजना है। सबसे पहले बात करते हैं केन-बेतवा लिंक परियोजना की

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पूर्व पीएम वाजपेयी का सपना 22 साल बाद पूरा होगा।

केन और बेतवा बुंदेलखंड की दो सबसे बड़ी नदियां हैं। दोनों अलग-अलग छोर पर बहती हैं। यमुना की इन दोनों सहायक नदियों को लिंक नहर से जोड़ने की योजना है।

बुंदेलखंड करीब 23733 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। केन और बेतवा नदियां यहां की जीवनरेखा हैं। इसके बावजूद इस क्षेत्र में जल संकट एक बड़ी चुनौती है। वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने केन और बेतवा नदियों को जोड़कर पानी की बर्बादी रोकने के प्रयास शुरू किए थे। वर्ष 2003 में मप्र की तत्कालीन सीएम उमा भारती ने भी इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया था।

अब 22 साल बाद पूर्व पीएम वाजपेयी का सपना साकार होने जा रहा है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 25 दिसंबर को वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर इस परियोजना के भूमि पूजन के लिए समय मांगा है। मंजूरी मिली तो 25 दिसंबर से यह प्रोजेक्ट शुरू हो सकता है। दौधन बांध निर्माण का भूमिपूजन छतरपुर जिले में होगा।

केन और बेतवा नदियाँ कहाँ मिलेंगी

छतरपुर और पन्ना जिलों की सीमा पर खजुराहो के पास केन नदी पर दौधन बाँध बनाया जाएगा। इस बाँध से केन नदी का पानी 230 किलोमीटर लंबी नहर के ज़रिए उत्तर प्रदेश के निवाड़ी और झांसी जिले की सीमा पर ओरछा के पास बेतवा नदी से जोड़ा जाएगा।

बुंदेलखंड में एमपी-यूपी के 14 जिले शामिल हैं

बुंदेलखंड में मध्य प्रदेश के 10 जिले- पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना से इन सभी जिलों के 9.5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। 10 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।

62 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सकेगा। इस परियोजना के तहत 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट सोलर प्लांट भी बनाया जाएगा।

पीकेसी लिंक प्रोजेक्ट

लागत 75 हजार करोड़ रुपएए एमपी के 12 जिलों- इंदौर, धार, गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना को फायदा होगा एमपी के 3150 गांव की 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

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