मध्य प्रदेश

MP की अनोखी कहानी: इस शख्त के चेहरे पर इतने बाल है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक युवक को देखकर जहां कुछ लोग डर जाते हैं, वहीं कई लोग उसे बजरंगबली का रूप मानकर पूजते हैं। दरअसल, यह युवक एक अनोखी बीमारी से ग्रसित है। उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है।

रतलाम जिले के एक छोटे से गांव नांदलेटा का ललित एक बार फिर चर्चा में आ गया है। देशभर की मीडिया में छाए रहने के बाद अब उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। ललित के चेहरे और शरीर पर लंबे और घने बाल हैं। कभी लोग उसके बालों से ढके चेहरे की वजह से उससे डरते और चिढ़ाते थे, तो कभी कोई उसे बजरंगबली का रूप मानकर पूजता था। आज पूरे गांव की पहचान बन जाने के बाद हर कोई उससे प्यार से पेश आता है।

दरअसल, ललित को ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से उसके चेहरे पर 5 से 6 सेंटीमीटर तक बाल बढ़ जाते हैं। रतलाम जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर नांदलेटा गांव में रहने वाले 19 वर्षीय ललित पाटीदार वेयरवोल्फ सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित हैं। इस दुर्लभ बीमारी के कारण उनके चेहरे पर असामान्य बाल उग आए हैं।

पूरा चेहरा सुनहरे बालों से ढका हुआ है, जैसे कोई फिल्मी किरदार हो। इसी के कारण ललित वुल्फ मैन के नाम से मशहूर हो गए हैं। चेहरे पर लंबे और घने बालों के कारण ललित को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। अब इन्हीं बालों ने ललित को दुनियाभर में मशहूर कर दिया है।

इटली में मिला सम्मान

ललित ने बताया कि 2 साल पहले गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने उनसे संपर्क किया था। इसके बाद 8 फरवरी को ललित अपने परिचित जितेंद्र पाटीदार के साथ इटली के लिए उड़ान भरी। ललित 6 दिन तक इटली के मिलान में रहे। इस बीच वहां विशेषज्ञों की टीम ने उनकी जांच की। इसके बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के विशेष कार्यक्रम में उन्हें सम्मान, प्रमाण पत्र और मेडल से सम्मानित किया गया। गिनीज टीम के अनुसार किसी व्यक्ति के चेहरे पर सबसे ज्यादा बाल 201.72/सेमी2 होते हैं और यह उपलब्धि भारत के ललित पाटीदार ने हासिल की। ​​13 फरवरी को इटली के मिलान में लो शो देई रिकॉर्ड के सेट पर इसकी पुष्टि की गई।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

ललित को जन्मजात बीमारी है

जन्मजात बीमारी के कारण ललित के पूरे चेहरे और शरीर पर भूरे बाल उग आते हैं। ललित के जन्म से ही ऐसे बाल हैं। उसका पूरा शरीर बालों से ढका हुआ है। खास तौर पर मुंह तो सबको दिखाई देता है, लेकिन शरीर कपड़ों से ढका रहता है। ललित की बीमारी सबसे पहले 2019 में दुनिया के सामने आई थी।

आपको जानकर हैरानी होगी कि ललित पर अब कई ब्लॉग बन चुके हैं। भारत के कई राज्यों और शहरों के अलावा विदेशों से भी लोग ललित से मिलने उसके गांव नांदलेटा आते हैं। ललित को शुरुआत में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब वह सामान्य जीवन जी रहा है। ललित के पिता किसान हैं। ललित को उसके इस रूप से चिढ़ होती थी। अब ललित का कहना है कि वह ऐसे ही जीना चाहता है और ऐसे ही रहेगा।

ललित कहते हैं कि मेरे माता-पिता कहते हैं कि जब मैं पैदा हुआ तो डॉक्टर ने मेरे बाल इसलिए काट दिए थे क्योंकि मेरे पूरे शरीर पर लंबे बाल थे। लेकिन जब तक मैं करीब 6 या 7 साल का नहीं हो गया, मुझे कुछ अलग महसूस नहीं हुआ। जब मैं बड़ा होने लगा तो मैंने पहली बार देखा कि मेरे मुंह और शरीर पर ऐसे बाल थे, जैसे किसी और के नहीं थे। ये बाल लगातार बढ़ रहे थे।

जब मैं घर से बाहर निकलता था तो लोग मुझ पर पत्थर फेंकते थे, लोग और बच्चे डर जाते थे कि कहीं मैं बंदर या भालू की तरह उन्हें काटने न आ जाऊं। रात में भी लोग मुझे देखकर डर जाते थे। इसके बाद मेरे माता-पिता मुझे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टरों ने देखा कि 6 साल की उम्र में मुंह और शरीर के लगभग हर हिस्से पर असामान्य बाल उग रहे थे। डॉक्टरों ने इसे हाइपरट्रिकोसिस कहा। डॉक्टरों ने बताया कि दुनिया में सिर्फ 50 लोग ही इस बीमारी से पीड़ित हैं।

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button