Transfer News: महंगाई भत्ते की तरह मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों, अफसरों और पुलिसकर्मियों को नई तबादला नीति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। खबर है कि इस साल तबादलों पर लगी रोक हटना मुश्किल है, क्योंकि मोहन सरकार बीच सत्र में तबादले करने के मूड में नहीं दिख रही है, ऐसे में तबादला नीति अब नए साल तक टलने की संभावना है। दरअसल, डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन तबादलों पर लगी रोक अभी तक नहीं हटी है,

जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। हालांकि पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में अनौपचारिक चर्चा में मंत्रियों ने सीएम के सामने अपनी बात रखते हुए कहा था कि प्रदेश में 2 साल से तबादलों पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, प्रशासनिक और व्यवहारिक दृष्टि से सुदृढ़ीकरण जरूरी है, इसलिए नई तबादला नीति जल्द घोषित की जाए, ताकि प्रदेश में तबादले हो सकें, ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा सदस्यता अभियान और मप्र विधानसभा उपचुनाव के बाद अक्टूबर माह के अंत में तबादलों पर प्रतिबंध हटाने पर विचार हो सकता है, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

प्रतिबंध हटा तो किसी भी संवर्ग में 20% से अधिक तबादले नहीं होंगे - Transfer News

आमतौर पर राज्य सरकार हर साल मई-जून में तबादलों पर प्रतिबंध हटाती है। इसमें अधिकतम 20% तबादले करने का अधिकार विभागीय मंत्रियों को दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो नई तबादला नीति के तहत प्रतिबंध हटा तो तय अवधि में प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले किए जा सकेंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में 20% से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे। जिले के अंदर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले करने का अधिकार प्रभारी मंत्रियों को है और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी के बाद तबादले किए जाएंगे। गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वैच्छिक आदि आधारों पर तबादलों को प्राथमिकता दी जा सकेगी।

नए साल तक टल सकती है नई तबादला नीति

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली ताजा खबरों की मानें तो नई तबादला नीति मार्च-अप्रैल तक लागू हो सकती है, क्योंकि मप्र सरकार नहीं चाहती कि बीच सत्र में तबादलों की वजह से कोई अव्यवस्था हो। इसके अलावा तबादलों की कमी के पीछे सबसे बड़ा कारण स्कूल शिक्षा विभाग है, क्योंकि इसमें कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। बोर्ड समेत सभी वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियां शुरू हो गई हैं, ऐसे में बीच सत्र में तबादलों की वजह से व्यवस्था गड़बड़ा सकती है, ऐसे में सरकार फिलहाल रोक हटाने के मूड में नहीं है। अगर बहुत जरूरी हुआ तो सीएम मोहन यादव से समन्वय बनाकर तबादले होते रहेंगे, जिस तरह से अभी हो रहे हैं। चर्चा यह भी है कि रोक हटते ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी देखने को मिल सकती है।