मऊगंज में स्वर्ग की खोज सोने - चांदी नवरत्न से भरा यह जंगल, डूब जाती है 12 खटिया कि बांध, साधु करते मां की पूजा
मध्य प्रदेश का 53वा जिला बना मऊगंज अपने एक खासियत को लेकर काफी मशहूर है। और वह प्राकृतिक सुंदरता मध्य प्रदेश का सबसे गहरा जलप्रपात बहुती जो पूरे राज्य में जाना जाता है। इसके बाद मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने एक और पर्यटन स्थल खोज निकाला है। जो इन दिनों सुर्खियों में है जिसे आमादरी …

मध्य प्रदेश का 53वा जिला बना मऊगंज अपने एक खासियत को लेकर काफी मशहूर है। और वह प्राकृतिक सुंदरता मध्य प्रदेश का सबसे गहरा जलप्रपात बहुती जो पूरे राज्य में जाना जाता है। इसके बाद मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने एक और पर्यटन स्थल खोज निकाला है। जो इन दिनों सुर्खियों में है
जिसे आमादरी के नाम से जाना जाता है इस स्थान को लेकर कहा जाता है कि यहां एक ऐसा कुंड स्थित है जिसमें 12 खटिया कि बांध डूब जाती है। इस स्थान को लेकर ऐसा भी माना जाता है कि यहां सोने चांदी नवरत्न से भरे भंडार छिपे हैं यही कारण है कि यहां जल का स्रोत मौसम की किसी भी ऋतु में बंद नहीं होता।
सोने चांदी नवरत्न से भरा यह स्थान
जानकारों की माने तो यहां एक ऐसा स्थान है जहां से मौसम की सभी ऋतु में जल निकलता है। जल निकलने वाले स्थान पर जाने पर पता चला कि यहां दो पत्थर हैं जिनके बीच से पानी निकलता रहता है। ग्रामीणों की माने तो ऐसा चमत्कार ज्यादातर उस स्थान पर होता है जहां दिव्य शक्तियां और अलौकिक नवरत्न छुपे होते हैं। हालांकि लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां सोने चांदी नवरत्न से भरा भंडार छिपा हुआ है जिसकी सुरक्षा यहां दो काले नाग करते हैं।
देवी माई और हनुमान जी की पूजा करते है साधु
इस स्थान में देवी मां और हनुमान जी की मंदिर बनी है। ग्रामीण ऐसी जानकारी दी है कि यहां एक कुंड में साधु रहते हैं जो रोज सुबह 4:00 बजे निकलते हैं और हनुमान जी को जल चढ़कर फूल अर्पित कर पूजा करते हैं। हालांकि देखने का कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन लोग ऐसा भी कहते हैं कि जब बजरंगबली के मंदिर में जाते हैं तो ऐसा लगता है कि यहां कोई आकर पूजा पाठ करके गया है। हालांकि यहां सुबह लोगों का पहुंचना नहीं होता
जंगल में क्यों निकलता है पानी
यह स्थान हनुमना के पाती में स्थित है। करीब यहां से उत्तर प्रदेश की दूरी 8 से 12 किलोमीटर की रह जाती है। इस ग्राम पंचायत में बोरवेल करने पर करीब 200 से ढाई सौ मीटर की गहराई में जल निकलता है लेकिन इस जंगल में दो पत्थरों के बीच से पानी कैसे निकल रहा है। इसे देखकर हर कोई हैरान हो जाता है पहली बार देखने पर यह कोई चमत्कार ही नजर आता है।
मऊगंज कलेक्टर करेंगे निरीक्षण
हाल ही में इस स्थान के बारे में जब मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को जानकारी लगी तो उन्होंने कहा कि हम उस स्थान पर पहुंचेंगे और देखेंगे कि क्या कुछ प्राप्त होता है कोशिश करेंगे कि हम वहां कोई फंड बनाकर इस स्थान को एक पर्यटन क्षेत्र में विकसित करें ताकि मऊगंज में पर्यटन स्थल को बढ़ावा मिल सके। फिलहाल मऊगंज कलेक्टर अभी इस स्थान पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन संभावना है कि वह जल्द से जल्द यहां पहुंचकर विकास की सौगात देंगे।