MP की सियासत में अब होगा उलटफेर, बीजेपी बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष, वीडी शर्मा की जगह कौन संभालेंगे राजनीति की डोर
मध्य प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष पद के चयन को लेकर सस्पेंस बरकरार है. एमपी बीजेपी में अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदारों की लाइन लगी हुई है. इसके बावजूद 5 महीने बाद भी नए अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पा रही है. 45 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब एमपी बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में इतनी देरी हुई है. हालांकि जानकारी सामने आ रही है कि जुलाई तक मध्य प्रदेश में बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है. दरअसल, एमपी बीजेपी को जनवरी में ही नया अध्यक्ष मिल जाना चाहिए, लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एक बार भी एमपी नहीं आए हैं.
इस बीच पार्टी नेताओं का इंतजार भी खत्म नहीं हो रहा है। और सबके भीतर सवाल? है कि इस अहम पद की जिम्मेदारी किसे मिलेगी. जानकारी के मुताबिक बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव मानसून सत्र शुरू होने से पहले हो सकता है. इससे पहले मध्य प्रदेश समेत 10 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है.
भाजपा में प्रदेश अध्यक्षों के चयन के तुरंत बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। आपको बता दें कि 45 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब मप्र भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा में इतनी देरी हुई है।
MP में बीजेपी ने कब और किसे बनाया प्रदेश अध्यक्ष
1980 में सुंदरलाल पटवा को मध्य प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने दो कार्यकाल तक जिम्मेदारी संभाली। उनके बाद कैलाश जोशी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने भी दो बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली।
1985 में शिव प्रसाद चिनपुरिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। उनके बाद सुंदरलाल पटवा और फिर लखरिम अग्रवाल को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद लक्ष्मी नारायण पांडे, विक्रम वर्मा और उनके बाद कैलाश जोशी को दूसरा कार्यकाल दिया गया। जोशी के बाद 2005 में शिवराज सिंह को अध्यक्ष बनाया गया। उनके बाद नरेंद्र सिंह तोमर को मप्र भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। 2010 में प्रभात झा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। 2012 में प्रभात झा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। फिर उन्हें हटाकर नरेंद्र सिंह तोमर को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
2014 में उनकी जगह नंद कुमार सिंह चौहान को प्रदेश पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद 2018 में राकेश सिंह को एमपी बीजेपी की कमान सौंपी गई और वह 2020 तक अपनी जिम्मेदारी संभाले। इसके बाद वीडी शर्मा को मध्य प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष घोषित किया गया। तब से विष्णुदत्त शर्मा का कार्यकाल बढ़ता जा रहा है।
45 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार
एमपी बीजेपी के 45 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब नए अध्यक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ा है। गौरतलब है कि एमपी बीजेपी में एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज हो गई है। पिछले 5 महीने से चल रही कशमकश के बीच सवाल यह है कि मध्य प्रदेश बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसे लेकर पार्टी के कई बड़े नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
कौन होंगे मध्य प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष भी इस रेस में हैं। इसके पीछे कि वजह यह है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें मध्य प्रदेश में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी को कई बड़ी सफलताएं मिली हैं. इनके अलावा बैतूल विधानसभा से विधायक हेमंत खंडेलवाल, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, मंडला लोकसभा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति से लाल सिंह के नाम भी चर्चा में हैं.
एमपी की राजनीति में इनकी अहम भूमिका मानी जाती है, इसलिए इन लोगों के नाम चर्चा में हैं. हालांकि एमपी बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसका फैसला पार्टी करेगी. इन नामों के अलावा भी पार्टी किसी नेता को यह बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. आपको क्या लगता है एमपी बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? कमेंट में जरूर बताएं.
Narotem mishra ji