पूरे MP को हैरान कर देने वाला मामला, बेटे की चाह में मां ने एक महीने कि बेटी को पानी कि टंकी में डुबोकर मारा
भोपाल में एक महीने की बेटी की हत्या के मामले में कोर्ट ने मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी बेटा चाहती थी। बच्ची के लड़की होने पर उसने उसे पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला। कोर्ट ने 5 साल पुराने मामले में उसे दोषी करार देते हुए जुर्माना भी लगाया है। …

भोपाल में एक महीने की बेटी की हत्या के मामले में कोर्ट ने मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी बेटा चाहती थी। बच्ची के लड़की होने पर उसने उसे पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला। कोर्ट ने 5 साल पुराने मामले में उसे दोषी करार देते हुए जुर्माना भी लगाया है।
घटना 16 सितंबर 2020 की है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। आरोपी मां फिलहाल जेल में है। मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया ने पैरवी की। कोर्ट ने कहा- बेटियों के जरिए भगवान प्रकट होते हैं
भोपाल के 23वें अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने कवि रवींद्रनाथ टैगोर की इन पंक्तियों को 104 पन्नों के फैसले में शामिल किया।
"जब बेटी का जन्म होता है तो यह इस बात का निर्णायक प्रमाण होता है कि ईश्वर मानव जाति से अप्रसन्न नहीं है, क्योंकि ईश्वर स्वयं बेटियों के माध्यम से प्रकट होते हैं। वर्तमान में बेटियां सभ्यता, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण की सशक्त हस्ताक्षर हैं। शास्त्रों में बेटियों को दिलों का बंधन, भावनाओं का स्पंदन, सृजन का आधार, भक्ति का स्वरूप और संस्कृति का संस्कार माना गया है।
वर्तमान में भारत जैसे विकसित राष्ट्र में बेटियों को साहस, सृजन, सेवा, सभ्यता, सौंदर्य और शक्ति की पोटली के रूप में देखा जा रहा है। जिला न्यायालय
प्लास्टिक के ड्रम में मिली थी लाश
एक माह की किंजल मेवाड़ा थाना खजूरी के ग्राम डहरिया निवासी सचिन मेवाड़ा की बेटी थी। सचिन गांव में खेतीबाड़ी करता है और करीब 14 माह पहले उसकी शादी हुई थी। 16 सितंबर को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सचिन की एक माह की बच्ची अचानक गायब हो गई। पूछने पर उसकी पत्नी ने बताया कि बच्ची को भूत-प्रेत उठा ले गए हैं। परिजनों ने तलाश शुरू की तो करीब चार बजे प्लास्टिक के पानी के ड्रम में उसकी लाश मिली। ड्रम का ढक्कन बंद था।
उसे बेटे की उम्मीद थी, लेकिन बेटी होने पर वह बच्ची से नफरत करने लगी
आखिरी बार बच्ची को उसकी मां के साथ कमरे में देखा गया था। जबकि सचिन की मां और अन्य परिजन अपने-अपने कमरों में थे। खजूरी थाने के तत्कालीन टीआई एलडी मिश्रा का कहना है कि शुरुआती जांच में साफ हो गया था कि बच्ची की हत्या की गई है। शक की सुई उसकी मां पर थी। जांच के बाद मां को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में मां सरिता बाई मेवाड़ा ने बताया था कि उसे लड़का चाहिए था। जब उसने लड़की को जन्म दिया तो वह उससे नफरत करने लगी। इसी के चलते उसने अपनी बेटी को मार डाला।
सरिता अपनी बेटी को देखकर खुद को कोसती थी
लड़की के पिता सचिन मेवाड़ा ने बताया कि जब उसने अपनी पत्नी सरिता से पूछताछ की तो वह रोने लगी और कहने लगी कि उसने अपनी बेटी किंजल को पानी की टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया था। सरिता ने सोचा था कि उसे लड़का होगा, लेकिन जब उसने लड़की को जन्म दिया तो उसे लड़की से प्यार नहीं हुआ। जब भी वह उसे देखती तो खुद को कोसती थी। इसलिए जब उस समय घर में कोई नहीं था तो उसने किंजल को पानी की टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया और डर के कारण यह बात किसी को नहीं बताई।