Lawrence Bishnoi Love Story इस वजह से गैंगस्टर बना लॉरेंस बिश्नोई कहानी ऐसी जो दिल दहला दे!
Lawrence Bishnoi Love Story: साल था 2011, जगह थी चंडीगढ़ का डीएवी कॉलेज। छात्र संघ चुनाव का वक्त था। नतीजे आ चुके थे और चुनाव के बाद की गहमागहमी चल रही थी। इसी दौरान जीतने वाले और हारने वाले ग्रुप के बीच झगड़ा हो गया। दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इसमें कई लोग …

Lawrence Bishnoi Love Story: साल था 2011, जगह थी चंडीगढ़ का डीएवी कॉलेज। छात्र संघ चुनाव का वक्त था। नतीजे आ चुके थे और चुनाव के बाद की गहमागहमी चल रही थी। इसी दौरान जीतने वाले और हारने वाले ग्रुप के बीच झगड़ा हो गया। दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इसमें कई लोग घायल हो गए लेकिन बदले की आग यहीं नहीं रुकी और जीतने वाले ग्रुप ने हारने वाले ग्रुप के अध्यक्ष बालक की गर्लफ्रेंड को जिंदा जला दिया।
लड़की चीखती रही, मदद की गुहार लगाती रही लेकिन हर कोई तमाशबीन बनकर तमाशा देखता रहा। कोई भी उसे बचाने के लिए आगे नहीं आया। कैंपस में चारों तरफ सन्नाटा था और लड़की की चीखें हर तरफ गूंज रही थीं। और थोड़ी ही देर में लड़की की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई और एक गैंगस्टर का जन्म हुआ।
जिसका आज एक मैसेज किसी की भी नींद उड़ाने के लिए काफी है। आगे क्या हुआ ये मैं आपको बताऊंगा लेकिन उससे पहले मैं आपको थोड़ा पीछे ले चलता हूं। तारीख थी 12 जनवरी 1993 जब पंजाब के एक अमीर परिवार में बालक बराड़ का जन्म हुआ। उनके पिता हरियाणा में काम करते थे और उनके पास करोड़ों की ज़मीन थी। उनकी माँ गृहिणी थीं। बालक को बचपन से ही कोई आर्थिक समस्या नहीं थी। वह शुरू से ही एक समृद्ध जीवन जी रहे थे।
बालक जब दसवीं में पहुंचा तो उसे अपने साथ पढ़ने वाली एक लड़की से एकतरफा प्यार हो गया लेकिन बालक का व्यक्तित्व ऐसा था कि कोई भी उसे ज्यादा समय तक नजरअंदाज नहीं कर सकता था और कुछ ही समय में यह एकतरफा प्यार दोतरफा प्यार में बदल गया।
दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे और पहले उन्होंने एक साथ इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और उसके बाद दोनों ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में एक साथ एडमिशन लिया लेकिन बालक की रुचि पढ़ाई से ज्यादा कॉलेज की राजनीति में थी। उसने स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम से एक छात्र संगठन बनाया जिसे संक्षेप में एसओपीयू कहा जाता है।
जब कॉलेज में छात्र संघ के चुनाव हुए तो बालक ने भी किस्मत आजमाई और छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव हार गया। हारने के बाद भी बालक कॉलेज में दबदबा बनाना चाहता था जिसके लिए उसने एक रिवॉल्वर खरीदी थी। चुनाव के बाद बालक के गुट और विरोधी गुट के बीच अक्सर झगड़े होने लगे।
धीरे-धीरे झगड़े बढ़ते गए और फिर साल 2011 में दोनों गुटों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। इस दौरान विरोधी गुट ने बालक की प्रेमिका को जिंदा जला दिया और बाद में इसे दुर्घटना बताने की कोशिश की गई। इस घटना ने बालक की दुनिया पलट कर रख दी और बालक लॉरेंस बिश्नोई बन गया, जिसने सबसे पहले अपने द्वारा खरीदी गई रिवॉल्वर से कई छात्र नेताओं की हत्या की।
लॉरेंस बिश्नोई ने आज देश में अपराध और डर का ऐसा माहौल बना दिया है कि इसकी गूंज पंजाब से लेकर बॉलीवुड तक सुनी जा सकती है,आज लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सक्रिय है। आज लॉरेंस बिश्नोई सलमान खान को मारने की बार-बार कोशिश करता है और लॉरेंस बिश्नोई का नाम आज हर किसी की जुबान पर है।