Kolkata Doctor Case: RG कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी की जांच कर रही CBI का ध्यान इस बात पर है कि, बिना किसी बाधा के सेमिनार हॉल में अपराध को कैसे अंजाम दिया गया एक अधिकारी ने कहा कि हॉल के दरवाजे में लगी सिटकनी भी टूटी मिली थी।

Kolkata Doctor Case कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में एक जुनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर 13 दिन 14 दिन बीत चुके है। लेकिन अब भी कई सवाल हैं जिसका जबाव अभी तक नही मिला है। खास बातचीत में फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. अरिंदम चक्रवर्ती ने भी माना कि चोटों के इतने निशान अगर पीड़िता के शरीर पर हैं तो यह तय है कि हमलावर एक नहीं था। तीन हजार से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुके डॉ. अरिंदम कहते हैं, यह आश्चर्य की बात है कि उस रात किसी ने युवा लड़की की आवाज नहीं सुनी, जबकि उसने आरोपियों का मजबूती से मुकाबला किया होगा, इन्हीं बातों से लगता है कि वारदात में अन्य लोग भी रहे होंगे।

साक्ष्यों को बर्बाद करने की है आशंका

फोरेंसिक एक्सपर्ट अरविंद ने कहा इसकी लंबी प्रक्रिया है इसलिए जो सैंपल वहां पर मिले हैं, उनको मैचिंग करना है अगर हम इतनी देरी करेंगे सभी को नष्ट होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा मेरी मां कहीं की जल्द से जल्द जांच को खत्म करना चाहिए सीबीआई जांच में अभी तक तो किसी और को पकड़ा नहीं है। CBI ने जिसको को पकड़ा है हमें पता नहीं है कि मैसेज किया है कि नहीं।

शिफ्ट चेंज के समय किसी ने ध्यान नहीं दिया

ड्यूटी बदलते समय डॉक्टर को किसी ने ध्यान नहीं दिया अरविंद ने कहा कि अगर डॉक्टर ड्यूटी बदलने के समय नहीं मिली तो निश्चित की खोज की होनी चाहिए थी। बिहार के लोगों को पूछताछ करने होगी ऐसा ही हुआ यह तो पता लगाना चाहिए था कि जूनियर डॉक्टर नहीं है तो कहां है क्या हुआ और क्यों नहीं हुआ जांच का विषय है।

सेमिनार हॉल का की सिटकनी टूटी क्यों थी?

कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस की CBI लगातार जांच कर रही है ध्यान देने की बात यह है कि बिना किसी बाधा के सेमिनार हॉल में अपराध को कैसे अंजाम दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि हॉल के दरवाजे में लगी सिटकनी भी टूटी मिली थी। CBI अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सेमिनार हॉल के बाहर निगरानी के लिए भी खड़ा रहा ताकि अपराध को बेरोकटोक अंजाम दिया जा सके। फिलहाल, जांच एजेंसी ने शुक्रवार को भी RG कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी है।

घटना के तुरंत बाद करनी चाहिए थी घेराबंदी

आपको बता दें की मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही घटना की जानकारी लगी थी तो तुरंत अथॉरिटी को उस जगह की घेराबंदी करनी होती है, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो, उसके बाद केवल पुलिस, फोरेंसिक टीम के अलावा किसी और को जाने नहीं देना चाहिए। जानकारी आ रही है कि इस घटना में यहां पर ऐसा नहीं हुआ।