Kolkata Doctar Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता की घटना को गंभीर मानते हुए कहा की यह केवल स्थानीय मामला नही है। यह एक सिस्टमैटिक मुद्दा है जो पूरे देश के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा से जुड़ा है।
Kolkata Doctar Case कोलकाता RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को 31 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर का शव मिला था,लेकिन अब उनके सहकर्मी ने आत्महत्या का दावा किया था। लेकिन अब उनके साथी डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि यह दावा तत्कालनीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने कार्यालय से आया था डॉक्टर का सब अस्पताल की सेमिनार हाल में मिला था।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब मौत बलात्कार और हत्या का स्पष्ट मामला था, तो अस्पताल अधिकारियों ने उन्हें गुमराह क्यों किया सुप्रीम कोर्ट ने भी अस्पताल द्वारा आत्महत्या बताएं जाने पर चिंता जताई है, अस्पताल के सूत्रों ने खुलासा किया है, की मौत को शुरू में आत्महत्या के रूप में वर्गीकृत करने का फैसला घोष का था।
पीड़िता के माता-पिता के अनुसार उन्हें 9 अगस्त की सुबह दो कल आए थे पहले कल सुबह 10:53 मिनट पर सहायक अधीक्षक द्वैपायन बिस्वास ने की थी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब हो गई है। इसके कुछ देर बाद ही एक और कॉल में उन्हें सूचना दी गई कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।
यह खबर सुनकर परिवार और सहकर्मियों को झटका लगा, क्योंकि डॉक्टर के शरीर पर कथित तौर पर दुर्व्यवहार और हत्या के निशान थे, लेकिन अस्पताल के सहकर्मियों ने किसे आत्महत्या बताई थी।
Kolkata Doctar Case हाईकोर्ट ने दिया आदेश
कोलकाता हाई कोर्ट ने प्रिंसिपल घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का निर्देश दिया है वही तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक संजय बहिर्ष्ट और रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख अरुणाभ दत्ता चौधरी सहित अस्पताल के अन्य अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। CNMC में स्थानांतरित होने से पहले बहिर्ष्ट ने कहा था कि हम एक निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं और हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए।
परिजनों को मिली भ्रमक जानकारी
कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप मर्डर केस में उनके सहकर्मियों ने मामले से निपटने के तरीके पर गुस्सा जाहिर किया है, खासकर उनके माता-पिता को दी गई, भ्रामक जानकारी पर उनके एक साथी ने कहा है कि उनके शरीर पर यौन शोषण और हत्या के स्पर्श संकेत थे माता-पिता को गुमराह क्यों किया गया। एक अन्य सहयोगी ने आरोप लगाया कि सहायक अधीक्षक बिस्वास ने अपने दम पर काम नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इसे आत्महत्या बताने की साजिश रची गई थी।
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा