MP News: सिंग्रामपुर, दमोह में वीरांगना रानी दुर्गावती जी के 500वें जन्म जयंती वर्ष के भव्य कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की मोहन यादव की कैबिनेट ने विशेष रूप से भाग लिया। इस ऐतिहासिक आयोजन में पूरी कैबिनेट को रीवा जिले का प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजन 'इंद्रहार की कढ़ी' परोसा गया।

रीवा के इस स्वादिष्ट और पारंपरिक पकवान का कैबिनेट के सदस्यों ने भरपूर आनंद लिया। इंद्रहार की कढ़ी न केवल स्वाद में बेजोड़ है, बल्कि इस व्यंजन का सांस्कृतिक महत्व भी गहरा है, जो रीवा की समृद्ध खाद्य परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने शनिवार को सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक के बाद सामूहिक रूप से भोजन किया। सभी ने पंगत में बैठकर बुंदेली व्यंजन और पकवानों का लुत्फ उठाया और स्वादिष्ट व्यंजनों की सराहना की। विशेष रूप से बुंदेली भोजन में दूध का हलवा, गुजिया और ज्वार-बाजरे की रोटी शामिल थी। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कैबिनेट बैठक के बाद सिंग्रामपुर में "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान में सप्तपर्णी का पौधा रोपा। मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने भी लगभग 50 पौधे रोपे।

बघेलखंड का पारंपरिक व्यंजन MP News

रसाज कढ़ी को विंध्य प्रदेश और बघेलखंड की पारंपरिक व्यंजन के तौर पर देखा जाता है। जिसे चने की दाल से बनाया जाता है यह बघेलखंड की बहुत ही प्रसिद्ध डिश है। इसका स्वाद लोगों को कभी कभार मिलता है शादी हो त्यौहार जैसे खास मौके पर इस प्रमुख तौर पर बनाया जाता है रीवा फिर इसके अन्य आसपास के क्षेत्र में भी इस स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में पहचाना जाता है