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क्या आपके पास भी है यह 50 और 20 कि पुरानी नोट, इसमें छिपा ऐसा दुर्लभ इतिहास, जानने के बाद हो जायेंगे मालामाल

दोस्तों समय हर सेकंड बदल रहा है कई ऐसी चीज हैं जो समय के साथ तेजी से बदल रही है। लेकिन उन्हीं चीजों को एक बार फिर हमारा इतिहास ताजा कर देता है। जब भारत में पहली बार 20 और 50 की नोट जारी हुई तो कुछ उस जमाने की तरह हुआ करती थी ज्यादातर लोग उन पुरानी नोटों को आज तक नहीं देख पाए हैं और जिनके पास है वह काफी सुरक्षित तरीके से अपने पास रखे हुए हैं। आज हम आपको ऐसी ही दुर्लभ नोटों के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानने के बाद आप मालामाल हो जाएंगे

अगर आपके पास भी 19वीं और 20वीं शताब्दी कि यह पुरानी नोट है तो यकीन मानिए आप इतिहास को अपने पास रखे हुए हैं। जो सबसे बड़ा धन है। तो आईए जानते हैं डेढ़ सौ साल पुराने इन भारतीय नोट का क्या था इतिहास सबसे पहले 20 रूपय वाली नोट से शुरू करते है :-

20 रुपए के नोट का इतिहास

19वीं शताब्दी में 15 में 1862 में ₹20 के नोट सबसे पहले जारी हुए उस वक्त भारत की राजधानी कोलकाता थी इस दौरान सोने की चिड़िया कहे जाने वाला भारत देश ब्रिटिश शासन काल का गुलाम हुआ करता था। ऐसा कहा जाता था कि उसे वक्त इन नोटों की छपाई इलाहाबाद के प्रिंटिंग प्रेस में शुरू की गई थी।

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50 रुपए की नोट का क्या है इतिहास

इसके बाद 20वीं शताब्दी की शुरुआत में ₹50 का पहला नोट चलन में शुरू हुआ 27 अगस्त 1919 में ₹50 के नोट में इंडियन मार्केट में उपलब्ध हुआ ब्रिटिश शासन काल होने के कारण उस वक्त अंग्रेजी भाषा के साथ नोट पर भारत की आठ भाषाओं में ₹50 लिखा हुआ था। यह नोट सफेद रंग का था इसके बाद सन 1930 में ₹50 के नोट में परिवर्तन हुआ उस नोट के दाहिने तरफ किंग जॉर्ज पंचम का चित्र बना हुआ करता था ऐसा कहा जाता है कि उस वक्त नए नोटों की छपाई मद्रास शहर में होती थी जो कि यह कभी भारत की राजधानी भी थी

क्या इन नोटों को इंटरनेट पर बेचा जा सकता है

अब आप लोगों के मन में ऐसा सवाल जरूर आता होगा कि क्या इन पुराने नोटों को कहीं पर बेचा जा सकता है। तो आपके इस सवाल का जवाब देते हुए बताते हैं कि ऐसा कोई तथ्य और जानकारी सामने नहीं आई है कि इन पुराने नोटों को बेचकर आप मालामाल हो सकते हैं. लेकिन कुछ जरूरतमंद लोग होते हैं जो इन पुरानी नोट की खोज करते हैं। उनमें से हम और आप भी हो सकते हैं।

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

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