Green Apple In Rewa: कश्मीर शिलमा के बाद अब रीवा में यहां पैदा होंगे हरे सेव, इसके स्वाद से मीठा होगा पूरा विंध्य और पूरा प्रदेश0
Green Apple In Rewa: शिमला और कश्मीर में ग्रीन एप्पल को अब मध्य प्रदेश के रीवा जिले में उगाने की तैयारी की जा रही है। Green Apple In Rewa का नाम सुनते ही, दिमाग में कश्मीर और शिमला का नाम भी आता है लेकिन अब रीवा जिले में इस हरे सेव की खेती जल्दी ही शुरू होने वाली है। आइए विस्तार से जानते है।
अपने स्वाद के लिए मशहूर ग्रीन एप्पल का स्वाद अब जल्द ही रीवा वासियों को मिलने वाला है। रीवा जिले में बड़े पैमाने पर उगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कृषि अनुसंधान केंद्र ने तैयारी पूरी कर ली। यह सेव स्वाद बेहद लाजबाव होता है अब इसका स्वाद रीवा भी लेगा।
अब जल्द उगेगा Green Apple In Rewa
Green Apple In Rewa की खेती से लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है, कश्मीर और शिमला में उगने वाले ग्रीन एप्पल को अब रीवा की मिट्टी में भी उगाने की बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए व्यावसायिक स्तर पर कार्य योजना भी बनाई गई है।
यहां के किसानों द्वारा शिमला कश्मीर के मशहूर हरे सब को जिले में उगाने की चर्चा तेज हो चुकी है। कश्मीर के मशहूर ग्रीन एप्पल को जिले में उगाने के लिए प्रयास चल रहा है, इसका परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है। आप बता दे रीवा द्वारा उगाए जाने वाले सुंदरजा आम को GI टैग मिल चुका है, ग्रीन एप्पल को भी मिल सकता है।
रीवा को अब ग्रीन एप्पल से मिलेगी नई पहचान
रीवा जिले को अब सुंदरजा आम के लिए भी जाना जाता है, गोविंदगढ़ में उगने वाला सुंदरजा आम दुनिया भर में मशहूर है, इसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है, इसको सरकार द्वारा हाल ही में GI टैग भी मिल चुका है। रीवा जिले को अभी एक और नई पहचान मिलने वाली है।
Green Apple In Rewa की खेती शुरू होने के बाद कश्मीर और शिमला के बाद अब रीवा जिले में भी Green Apple को उगाया जाएगा। इसको लेकर स्थानीय किसान और कृषि अनुसंधान केंद्र की तैयारी हुई तेज उसकी एक खास वजह है।
रीवा जिले के एक किसान के खेत में लगे तीन पौधों ने, लगभग 120 किलो फल दिया, इसे देखकर बाकी किसान भी ग्रीन एप्पल की बाग लगाने की सोच रहे। अब जल्द ही कश्मीर और शिमला जैसे हरे सेब रीवा जिले में भी देखने को मिलेंगे, इसका स्वाद बेहद लाजवाब है।
रीवा जिले में ग्रीन एप्पल की बगिया लगाने वाले दिलीप नामदेव का कहना है कि मैं घूमने गया था, मनाली वहां से मैं चार-पांच पेड़ लेकर आया था। एक तो सूख गया, लेकिन तीर में बेहतर फल आए एक पेड़ में हमने 30 से 35 किलो फल का उत्पादन किया है, अब मैं इसको बड़े लेवल पर लगाने के बारे में सोच रहा हूं।
किसान दिलीप नामदेव बताते हैं कि पेड़ पर मैंने ऑर्गेनिक खाद डाली मिट्टी को थोड़ा सा बदला जहां पर मैंने पौधा लगाया था, उसे जगह पर नमी बरकरार रखी, ताकि पौधा सुख न जाए, रीवा के कृषि अनुसंधान केंद्र कुठुलिया फार्म से समय-समय पर सलाह भी ली, नतीजे के रूप में आज हमारे बगिया में ग्रीन एप्पल जमकर फल रहे हैं।
रीवा के कृषि वैज्ञानिक अपने इलाके में एप्पल को सरवाइव करता हुआ देखकर बेहद उत्साहित है उनका कहना है कि, इस इलाके में ग्रीन एप्पल की खेती हो सकती है, बस ध्यान रखना है जब एप्पल अपना कलर बदलता है उसे समय सावधानी बरतनी जरूरी।
पूरे पेड़ को अगर कैनोपी से ढक दिया जाए तो शिमला की तरह रीवा में भी एप्पल हो सकता है खास तौर से उत्तर भारत के लिए एक वैरायटी तैयार की गई है, जिसका नाम है हरमन 99 इस प्रजाति का पौधा इस इलाके में किसान सफलतापूर्वक लगा सकते हैं, हमने कृषक दिलीप नामदेव और कृषि विज्ञान केंद्र के TK सिंह से बात की है।
क्या? होता है Green Apple
ग्रीन एप्पल तमाम पोषक तत्वों से भरपूर फल होता है, जिससे लोगों को वजन कम करने में मदद मिल सकती है. बहुत अधिक फाइबर की वजह से ऐसा होता है. हरे सेब में कैलोरी की मात्रा कम होती है। और पोषक तत्व होते हैं, जिसकी वजह से यह बेहद असरदार होता है।
इसमें विटामिन K भी होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव कर सकता है, अब तक इस हरे सेव को शिमला मनाली और कश्मीर में उगाया जाता था, लेकिन अब यह अनोखे सेव रीवा जिले में भी जल्द उगाए जाएंगे।