Delhi Assembly Election Result: दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली लोकसभा सीट पर करारी शिकस्त दी। मतगणना के शुरुआती चरणों में मुकाबला कड़ा था, लेकिन दोपहर के बाद प्रवेश वर्मा ने बढ़त बना ली और अंत में 3,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।

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दिल्ली की राजनीति में प्रवेश वर्मा का सफर

प्रवेश वर्मा एक राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि उनके चाचा आजाद सिंह भी नगर निगम में अहम पद संभाल चुके हैं। 1977 में जन्मे प्रवेश वर्मा ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (आर.के. पुरम) से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया।

राजनीतिक करियर की शुरुआत और बढ़ता प्रभाव

प्रवेश वर्मा ने 2013 में राजनीति में कदम रखा और महरौली विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इसके बाद 2014 में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बने और 2019 में दोबारा भारी बहुमत से विजयी हुए। संसद में उन्होंने वेतन और भत्तों की संयुक्त समिति तथा शहरी विकास स्थायी समिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

चुनाव प्रचार और केजरीवाल सरकार पर सवाल

2025 के चुनाव से पहले प्रवेश वर्मा ने "केजरीवाल को हटाओ, देश को बचाओ" अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने AAP सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने प्रदूषण, महिला सुरक्षा और नागरिक सुविधाओं जैसे मुद्दों को उठाते हुए सरकार की विफलताओं पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि यमुना की सफाई और दिल्ली के विकास से जुड़े वादे पूरे नहीं हुए।

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जीत के बाद क्या बोले प्रवेश वर्मा?

जीत के बाद प्रवेश वर्मा ने अपने समर्थकों के साथ जश्न मनाते हुए कहा,

"मैं दिल्ली की जनता का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। यह जीत प्रधानमंत्री मोदी के विजन और जनता के भरोसे की जीत है। हम दिल्ली को एक नया स्वरूप देने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।"

क्या है आगे की रणनीति

अब जब प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट पर बड़ी जीत हासिल कर ली है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। उनकी इस जीत से बीजेपी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है, और यह चुनाव परिणाम दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।