रीवा। क्या पुलिस वर्दी आज गुंडागर्दी की लाइसेंस बन चुकी है? रीवा शहर में खाकी पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जब एक पुलिसकर्मी ने खुलेआम एक ऑनलाइन दुकान संचालक के साथ गाली-गलौच और मारपीट की। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है, जिससे पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया है।

पीड़ित युवक का कहना है कि यह पुलिसकर्मी कई दिनों से उसे धमका रहा था। हाल ही में वह दुकान में घुस आया और बिना किसी वजह के मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं, आरोपी की दबंगई कैमरे में साफ नजर आती है, जब वह कहता है मेरे लिए कलेक्टर फोन करते हैं, तो समझ लो मेरा स्टैंडर्ड... मैं करप्ट पुलिसकर्मी नहीं हूं।

अब सवाल ये उठता है कि अगर यही "ईमानदारी" है, तो भ्रष्टाचार की परिभाषा क्या है?

पीड़ित युवक ने इस घटना की शिकायत एसपी से की है और न्याय की गुहार लगाई है। उसने यह भी साफ कहा है कि अगर पुलिस विभाग ने इस गुंडा पुलिसकर्मी पर सख्त कार्रवाई नहीं की, तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।

व्यापारी वर्ग में आक्रोश:

इस घटना के बाद शहर के व्यापारियों में भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि अगर पुलिस ही व्यापारियों की सुरक्षा को खतरा बनने लगे, तो आम जनता कहां जाए? अगर आज इस पुलिसकर्मी को सजा नहीं मिली, तो कल किसी और की दुकान में घुसकर यही ‘स्टैंडर्ड’ दिखाया जाएगा।

प्रशासन मौन क्यों?

सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद अब तक आरोपी पुलिसकर्मी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। क्या वर्दीधारी गुंडों को सिस्टम का संरक्षण मिल रहा है? अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है — न्याय देगा या खामोशी ओढ़ लेगा?