आबकारी अधिकारी की दबंगई एक पत्रकार के साथ गाली - गलौज करते हुए पत्रकार को जान से मरवाने कि धमकी का आरोप
पत्रकार के प्रति आबकारी अधिकारी ने दिखाई दबंगई, कहा- तुम्हारा जीना मुश्किल कर देंगे !
जागो मोहन प्यारे ?पत्रकार को गाली बकने वाला आबकारी अधिकारी वीडियो वायरल के बावजूद भी पद पर कैसे है जमा
रीवा ।देशभर में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच मंगलवार को रीवा जिले में आबकारी विभाग में डी ई ओ के पद पर पदस्थ अनिल जैन के द्वारा पत्रकार के प्रति पुलिस की दबंगई एक बार फिर देखने को मिली है। जानकारी के मुताबिक, एक दैनिक अखबार के ब्यूरो जोकि रीवा में स्थित आबकारी विभाग समाचार संकलन के लिए पहुंचे आबकारी अधिकारी अनिल जैन पत्रकार को देखते ही आग बबूला हो गए और अपनी कुर्सी और पद रौब झाड़ते हुए पत्रकार के साथ गाली गलौज करते हुए गांजा तस्कर जैसे शब्दों से नवाजना शुरू कर दिए और तो और आबकारी अधिकारी अनिल जैन का जब इतने से भी दिल नहीं भरा तो उन्होंने पत्रकार को जान से मारने की धमकी भी दे डाले जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है
वॉयरल हो रहे वीडियो में साफ-साफ देखा भी जा सकता है और आबकारी अधिकारी अनिल जैन के शब्दों को भी सुचार रूप से सुना भी जा सकता है की कैसे किस लहजे में एक पत्रकार के साथ गाली गलौज करते हुए उसके साथ अभद्रता कर पत्रकार के पूरे परिवार को खतम करने कि धमकी भी दे डाले वहीं पत्रकार ने इस घटना के बारे में संबंधित थाना सिविल लाइन में जाकर प्रार्थना पत्र के जरिए प्रभारी निरीक्षक कमलेश साहू को अवगत कराया लेकिन पत्रकार के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर ना तो आज तक कोई जांच हुई नहीं आबकारी विभाग के अधिकारी अनिल जैन के ऊपर कोई मुकदमा दर्ज हुआ जिससे पत्रकार का परिवार डरा सहमा सा महसूस कर रहा है वही इस मामले में कुछ समाजसेविको का कहना है कि जिले की पुलिस आबकारी विभाग के सोमरस में मदमस्त है तो कार्यवाही कहां से करेगी यदि कार्रवाई कर देगी तो सोमरस की व्यवस्था कहां से होगी और तो और रीवा जिले का आबकारी विभाग हमेशा चर्चाओं का विषय बना रहता है कभी फर्जी बैंक गारंटी तो कभी अवैध शराब को वैध करने को लेकर
क्योंकि विंध्य क्षेत्र के रीवा जिले के आबकारी विभाग में जब अधिकारियों कि नियुक्ति होती है तो इनके अंदर से शासन का डर और प्रशासनिक कार्यवाहियों का भय इनके अंदर से निकल जाता है क्योंकि इनके पीछे सफेद नकाबपोश और साथ ही साथ पुलिसिया गुंडा भी संरक्षण देना शुरू कर देते हैं जिससे यह जिले में मनमानी अपने नियमानुसार अपना नियम बनाकर कार्य शैली चलाते है ।भले ही सूबे के मुखिया मोहन यादव ने ही नहीं बल्कि पुलिस महकमे के मुखिया डीजीपी स्वयं ना सिर्फ पत्रकार हितों और उनके सम्मान का विशेष ध्यान देने के लिये अपने मातहतों को निर्देशित करते हों।किन्तु आबकारी अधिकारी अनिल जैन के ऊपर ना तो सूबे के मुखिया मोहन यादव के आदेशों का कोई असर हुआ है और ना ही डीजीपी के निर्देशों का। जो की पत्रकारों की सुरक्षा व उनके सम्मान के प्रति गम्भीर होने की बजाय कुछ मंबढंत दबंग अधिकारियों और अपराधियों अराजकतत्वों की मिलीभगत से दबंगो की दबंगई का शिकार हुए पीड़ित पत्रकार को ही अपराधी बनाने कि बात कही जा रही है ।
सिविल लाइन पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में
आपको बता दे कि सिविल लाइन थाना प्रभारी के द्वारा अब तक इस मामले में किसी भी प्रकार की FIR दर्ज नहीं की गई है जबकि पीड़ित पत्रकार बबली सिंह के द्वारा आबकारी अधिकारी के द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार का वीडियो भी शिकायत पत्र के साथ पेश कर दिया गया है मगर पुलिस आबकारी अधिकारी के बचाव में खड़ी हो गई है और पत्रकार की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई है अगर यही शिकायत पत्रकारों के खिलाफ उल्टा किसी विभाग या आमजन के द्वारा की जाती तो तत्काल पुलिस इस मामले को संज्ञान में लेकर उसके खिलाफ FIR कर देती है मगर पुलिस हमेशा पत्रकारों से खुन्नस खाती है और पत्रकारों के साथ हो रही ज्यादती पर पर्दा डालती है उनकी आवाज को दबाने का काम करती है और ऐसे दागदार भ्रष्ट लोगो को संरक्षण दे रही है जिनके खिलाफ पहले ही फ्रॉड गिरी के मामले दर्ज हो चुके हैं ।