MP News: मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम शहर के विस्तार के लिए बनाई गई 156 पेज की मास्टर प्लान रिपोर्ट अभी भी अधर में लटकी हुई है। इस योजना के तहत पिछले आठ वर्षों में सिर्फ आरएमएस चौराहे की एक सड़क का चौड़ीकरण और पुरानी इटारसी में बस स्टैंड का निर्माण ही पूरा किया गया है। बाकी कार्य योजनाएं अब भी ठंडे बस्ते में पड़ी हैं।

मास्टर प्लान में प्रस्तावित सड़क विस्तार

अगर नगर पालिका और प्रशासन इस मास्टर प्लान के तहत सभी सड़कों को तय मानकों के अनुसार विकसित करता है, तो शहर की सड़कें 12 से 24 मीटर तक चौड़ी हो जाएंगी। इटारसी के इस मास्टर प्लान को नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय, भोपाल ने 19 अक्टूबर 2016 को मंजूरी दी थी। इसके बाद 28 अक्टूबर 2016 को इसे मप्र राजपत्र में प्रकाशित भी किया गया, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

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17 गांवों का होगा शहरीकरण

शहर विस्तार योजना के अनुसार, इटारसी से सटे 17 गांवों को शहर की सीमा में शामिल किया जाना है। इन गांवों का कुल निवेश क्षेत्र 11,999 हेक्टेयर है। इनमें रैसलपुर, सोनासांवरी, धोखेड़ा, सनखेड़ा, सोमलवाड़ा, घाटली, जुझारपुर, गोंचीतरोंदा, पथरौटा, भट्टी, धुरपन, भीलाखेड़ी, बैंगनिया, बोरतलाई, देहरी और मेहरागांव प्रमुख हैं। हालांकि, ग्राम पंचायतों के विरोध के कारण इस प्रक्रिया में अड़चनें बनी हुई हैं।

सड़क चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने की पहल

18 मीटर चौड़ी सड़क: रेस्ट हाउस के पास लोनिवि की जमीन पर कब्जा कर बनाई गई दुकानों को हटाने के बाद प्रशासन ने सांची पार्लर से नेहरूगंज तक सड़क को 18 मीटर तक चौड़ा किया।

बस स्टैंड निर्माण: पुरानी इटारसी ट्रैक्टर स्कीम में नया बस स्टैंड बनाया गया।

अन्य योजनाएं: बरसाती नालों को मजबूत करने की योजना बनी, लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ।

  • प्रस्तावित सड़क चौड़ाई
  • स्टेशन से गांधी ग्राउंड – 22 मीटर
  • विश्वनाथ टॉकीज से सूरजगंज – 12 मीटर
  • महात्मा गांधी मार्ग (जयस्तंभ) – 15 मीटर
  • रितुराज टॉकीज से नाला मोहल्ला – 18 मीटर
  • ब्रिज से स्टेशन तक – 24 मीटर
  • रेलवे स्टेशन से राज टॉकीज के पीछे का मार्ग – 12 मीटर

फिलहाल, इन सड़कों की चौड़ाई लगभग आधी ही रह गई है, जिससे शहर में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। खासकर, सूरजगंज रोड से चौपाटी हटाने के बाद यह इलाका चार पहिया वाहनों की पार्किंग में तब्दील हो गया है।

निष्कर्ष

शहर के विकास के लिए बनाया गया मास्टर प्लान कई सालों से सरकारी फाइलों में कैद है। कुछ कार्यों को छोड़कर, अधिकांश योजनाएं अभी तक लागू नहीं की गई हैं। प्रशासन और नगर पालिका को चाहिए कि वे तेजी से इन परियोजनाओं को अमल में लाएं ताकि शहर का सुनियोजित विकास हो सके और यातायात व्यवस्था सुचारू बनी रहे।