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अदाकारा से संन्यासी बनी ममता कुलकर्णी ने कहा-देवी मां ने मुझे दिया है साक्षात दर्शन,मेरे पास है दिव्य दृष्टि,देखें exclusive interview

Actress turned sanyasi Mamta Kulkarni said- Devi Maa has given me darshan, I have divine sight, watch exclusive interview

Mamta Kulkarni in aap ki Adalat: बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने अपने जीवन को पूरी तरह आध्यात्मिकता की ओर मोड़ लिया है। एक समय की मशहूर अभिनेत्री आज योग और साधना में लीन हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा और सिद्ध अवस्था की बात साझा की।

आध्यात्मिकता की ओर कदम

ममता कुलकर्णी का कहना है कि जब व्यक्ति योग और साधना के गहरे मार्ग पर चलता है, तो सांसारिक चीजें उसके लिए मायने नहीं रखतीं। उन्होंने कहा, “योगी को कभी चिंता नहीं होती कि उसका घर कैसा है। वह तो झोपड़ी में भी रह सकता है।” यह उनके आत्मविश्वास और साधना के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

चंडी साधना और तपस्या

उन्होंने बताया कि उन्होंने चंडी की कठोर तपस्या की, और इस दौरान उनके जीवन में कई अनुभव हुए। उनका मानना है कि “चंडी सहन नहीं कर सकती कि मैं दुखी रहूं।” उनकी इस साधना ने उन्हें एक अलग आध्यात्मिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

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किन्नर अखाड़े से जुड़ाव

जब उनसे पूछा गया कि क्या किन्नर अखाड़े के नियमों के अनुसार उन्हें हमेशा पारंपरिक वस्त्र पहनने की जरूरत है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मेरा जीवन सामान्य नहीं है, क्योंकि मेरा दिन ध्यान और तपस्या में ही व्यतीत होता है।” वे प्रतिदिन पंच तत्वों की साधना करती हैं और देवी-देवताओं का अभिषेक करती हैं। उनका ध्यान सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 1 से शाम 7 बजे तक चलता है।

भोजन और सिद्ध अवस्था

एक दिलचस्प सवाल तब आया जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने 31 दिसंबर की रात को मंगोलियन खाना खाया था। इस पर उन्होंने गहरे आध्यात्मिक संदर्भ में जवाब दिया कि जब कोई व्यक्ति “निर्विकल्प समाधि” की अवस्था में पहुंच जाता है, तो भोजन की शुद्धता का उस पर प्रभाव नहीं पड़ता।

उन्होंने कहा, “जब मेरी कुंडलिनी शक्ति त्रिपुरा सुंदरी और सहस्रार चक्र तक पहुंच गई, तब मुझे दो सिद्ध गुरु प्राप्त हुए। वे सिद्ध पुरुष शुद्ध और अशुद्ध आहार दोनों ग्रहण करते थे, लेकिन उनकी सिद्ध अवस्था पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता था।”

अध्यात्म की अनोखी राह

ममता कुलकर्णी का मानना है कि जब कोई साधक उच्च स्तर की सिद्धि प्राप्त कर लेता है, तो उसे बाहरी चीजों का प्रभाव नहीं पड़ता। “महाकाल और महाकाली की सिद्ध अवस्था में शुद्ध और अशुद्ध आहार दोनों ही स्वीकार्य होते हैं।”

निष्कर्ष

ममता कुलकर्णी की यह आध्यात्मिक यात्रा एक अनोखी राह पर है। बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर, वे अब एक साध्वी की तरह जीवन जी रही हैं। उनका कहना है कि सच्ची साधना व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से मुक्त कर देती है। उनका जीवन उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो आध्यात्मिक मार्ग पर चलना चाहते हैं।

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

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