मध्य प्रदेश इस प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि रीवा बिलासपुर एक्सप्रेस ट्रेन को रीवा से उसलापुर होते हुए छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर रायपुर या दुर्ग तक चलाया जाए। इस रूट के पीछे मुख्य उद्देश्य रीवा और आसपास के लोगों को रायपुर और दुर्ग जैसे महत्वपूर्ण शहरों तक सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

वर्तमान में इस रूट पर सीधी ट्रेन की कमी महसूस की जा रही है। जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति का मानना ​​है कि यदि रीवा बिलासपुर एक्सप्रेस को रायपुर और दुर्ग तक विस्तारित कर दिया जाए तो रायपुर और दुर्ग रूट पर वर्तमान में चल रही अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों जैसे सारनाथ एक्सप्रेस और गरीब रथ एक्सप्रेस पर यात्रियों का भारी दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

23 मई को होने जा रही बैठक

इससे यात्रियों को आरामदायक और सुगम यात्रा का अनुभव मिल सकेगा। गौरतलब है कि रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की यह महत्वपूर्ण बैठक 23 मई को होने जा रही है इसके अलावा रीवा से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल मुंबई तक सप्ताह में एक दिन चलने वाली स्पेशल ट्रेन के संबंध में भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि इस ट्रेन से स्पेशल का दर्जा हटा दिया जाए और इसे नियमित ट्रेन के रूप में संचालित किया जाए। इससे रीवा से मुंबई तक नियमित यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होगी।

24 कोच करने की मांग की गई

बताया गया है कि वर्तमान में रीवा बिलासपुर एक्सप्रेस ट्रेन बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत आती है और इसका संचालन भी इसी मंडल द्वारा किया जाता है। यह ट्रेन वर्तमान में 15 कोच के साथ चल रही है और एक अन्य प्रस्ताव में इस ट्रेन के कोच की संख्या 24 करने की भी मांग की गई है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो अधिक संख्या में यात्री इस महत्वपूर्ण ट्रेन का लाभ ले सकेंगे। क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य प्रकाश चंद्र शिवनानी ने इन दोनों महत्वपूर्ण ट्रेनों की मांग के बारे में जानकारी दी है अब देखना यह है कि 23 मई को रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की आगामी बैठक में इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर क्या निर्णय लिया जाता है और रीवा के लोगों को रायपुर और मुंबई के लिए सीधी और नियमित ट्रेन कनेक्टिविटी कब मिलेगी?