पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को भारत से पंगा ले लिया। जम्मू के पहलगाम में 26 भारतीय निर्दोषों का नाम धर्म पूछकर हत्या कर दी। जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और लगातार अब तक आतंकिस्तान का सफाया कर रहे है. वही गवर्मेंट ऑफ पाकिस्तान ने ट्वीट कर दुनिया से युद्ध रुकवाने की अपील भी कर दी है. और यह करने को मजबूर किए भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी. सरकार के आदेश मिलने के बाद सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही और पाकिस्तान गवर्मेंट की चीखे निकाल दी है.

पाकिस्तान के काल बने रीवा के रहने वाले अधिकारी

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी रीवा जिले के गढ़ से आते है. हाल ही में उनका गांव मऊगंज जिले में सम्मिलित हुआ है. वही नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी रीवा से है। यह दो अधिकारी दोस्त भी है. रीवा सैनिक स्कूल में एक साथ पढ़ाई की है. रीवा से आगे निकलने के बाद अलग-अलग पदों पर कार्य किया इसके बाद दोनों अधिकारियों को सेना प्रमुख बनाया गया है. भले ही अभी तक वायुसेना ने मोर्चा संभाल हुआ है। लेकिन नौसेना ने कराची पोर्ट को तबाह कर दिया है.

18वीं बटालियन में कमीशन दिया गया था

जनरल उपेन्द्र द्विवेदी दिसंबर 1984 में जम्मू कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन में कमीशन का पद दिया गया था। जिसके बाद उन्हें इस यूनिट की कमान भी संभावित थी। 39 वर्ष से अधिक अपने सैन्य करियर में जनरल द्विवेदी ने उत्तरी कमांडर महानिदेशक (डीजी) इन्फेंट्री और सेना के कई अन्य कमान नियुक्ति सहित विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया है. ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने वाले सेना प्रमुख लगातार पाकिस्तान के छक्के उड़ा रहे है.

दिनेश त्रिपाठी संभाल रहे भारतीय नौसेना

30 अप्रैल 2024 से बने नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी रीवा से है. एडमिरल त्रिपाठी इस जिम्मेदारी से पहले वह नौसेना के उप प्रमुख थे. दिनेश त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को रीवा में हुआ. दिनेश कुमार त्रिपाठी रीवा सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं. 1 जुलाई 1985 को वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे. संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ एडमिरल त्रिपाठी का करीब 40 वर्ष लंबा करियर रहा है। वही उनके निर्देश मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने कराची पर हमला कर दिया है.

क्या है रीवा सैनिक स्कूल का इतिहास

रीवा भारत के 33 सैनिक स्कूलों में से एक है। यह पूरी तरह से आवासीय विद्यालय है। इस विद्यालय में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। इस विद्यालय की स्थापना भारत सरकार ने 20 जुलाई 1962 को युवराज भवन नामक एक विशाल संपत्ति में की थी, जो पहले रीवा रियासत के युवराज महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव की थी। यह विद्यालय लड़कों को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार करता है। इस विद्यालय ने अब तक लगभग 950 अधिकारियों के भविष्य को आकार देने में योगदान दिया है। यह विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध है और भारतीय पब्लिक स्कूल सम्मेलन (IPSC) का सदस्य है। सैनिक स्कूल रीवा बच्चों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला, पुणे और भारतीय नौसेना अकादमी (INA) में प्रवेश के लिए तैयार करता है।