देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर उत्साह और आशाएं चरम पर हैं। लाखों कर्मचारी और उनके परिवार उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द ही इस आयोग की घोषणा करेगी और वेतन में उचित वृद्धि के जरिए उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी।

महंगाई से जूझते कर्मचारी चाहते हैं वेतन में ठोस सुधार

पिछले कुछ वर्षों में देश में महंगाई दर लगातार बढ़ी है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को लग रहा है कि अब उनके वेतन में बदलाव समय की मांग है।

कर्मचारियों का कहना है कि सातवां वेतन आयोग काफी पहले लागू हुआ था और उसके बाद से उनकी आय में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई। आज की महंगाई के हिसाब से उनका वेतन पीछे छूट गया है। इसी वजह से वे आठवें वेतन आयोग को जल्द लागू करने की मांग कर रहे हैं।

क्या होगा नया फिटमेंट फैक्टर

कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगों में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाना सबसे अहम है। फिलहाल यह 2.57 है, लेकिन कर्मचारियों की अपेक्षा है कि इसे कम से कम 3.68 किया जाए। कुछ संगठन तो इसे 3.86 तक ले जाने की बात भी कर रहे हैं।

फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने से मूल वेतन (बेसिक पे) में सीधी वृद्धि होती है, जिससे कुल सैलरी में बड़ा फर्क आता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा मूल वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 किया जाता है, तो उसकी कुल सैलरी में लगभग ₹7,000 से ₹9,000 तक की बढ़ोतरी संभव है।

कर्मचारियों की भावनाएं और अपेक्षाएं

देशभर के केंद्रीय कर्मचारी न केवल वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि इस बार उन्हें वास्तविक महंगाई के हिसाब से राहत दी जाए। उनका मानना है कि वेतन आयोग केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना होना चाहिए।

कई कर्मचारियों ने सोशल मीडिया और ज्ञापनों के जरिए अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाई हैं। उनका कहना है कि यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया, तो इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर सकता है और इसका असर उनकी कार्यक्षमता पर भी पड़ेगा।

सरकार की स्थिति और संभावनाएं

सरकार की ओर से अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। आगामी लोकसभा चुनावों और सामाजिक दबाव को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार अगले बजट या आगामी किसी प्रमुख घोषणा के तहत 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय ले सकती है।