Rewa news: रीवा में बेलगाम शराब कारोबारी: कलेक्टर के आदेश बेअसर, मनमानी जारी
खबर चलने के बाद ही कुछ दिनों के लिए गहरी निद्रा से जागता है प्रसाशन

Rewa news: रीवा जिले में शराब कारोबारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. कलेक्टर प्रतिभा पाल के जांच के निर्देश के बावजूद, शराब की दुकानें "लूट सको तो लूटो" की तर्ज पर चल रही हैं, और उपभोक्ताओं को तय कीमतों से कहीं अधिक दाम पर शराब खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
आबकारी विभाग पर सवाल
सरकार ने शराब की बिक्री के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आबकारी विभाग का गठन किया है, लेकिन ऐसा लगता है कि विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, आबकारी विभाग के "शाहजादे" केवल खादी के चरण वंदन और धन उगाही में व्यस्त हैं, जिससे उन्हें सरकारी वेतन के बराबर भी काम करने का समय नहीं मिल पा रहा है. शराब कारोबारी बेखौफ होकर ओवर-रेटिंग कर रहे हैं, जिसका सीधा फायदा इन अधिकारियों की जेबों में जा रहा है.
ओवर-रेटिंग का खेल
शराब कारोबारी खुलेआम सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उदाहरण के लिए:
किंगफिशर स्ट्रांग बीयर: ₹199 की बोतल ₹250 में बेची जा रही है, जिससे प्रति बोतल ₹51 का सीधा अवैध मुनाफा कमाया जा रहा है.
हंटर रिफ्रेशिंग बीयर: ₹201 के खुदरा मूल्य वाली बोतल ₹250 में बेची जा रही है.
देशी मदिरा सादा (180 एमएल): ₹75 की बोतल ₹90 में मिल रही है.
देशी मदिरा मसाला (180 एमएल): ₹106 की बोतल ₹120 में बेची जा रही है.
यह मुनाफाखोरी सीधे तौर पर आबकारी विभाग के अधिकारियों की जेब भर रही है, जिसके कारण विभाग "सांप की तरह कुंडली मारकर" बैठा है और सभी नियमों को ताक पर रख रहा है.
पुलिस प्रशासन की चुप्पी
केवल आबकारी विभाग ही नहीं, पुलिस प्रशासन भी इस लूट में शामिल प्रतीत होता है. चंद पैसों और "सोमरस के रस" के चक्कर में पुलिस भी कार्रवाई करने से कतरा रही है. चाहे कलेक्टर का आदेश हो या राज्य के मुखिया का, इन "शाहजादों" पर कोई फर्क नहीं पड़ता. वे सिर्फ अपने-अपने फायदे के लिए लगे रहते हैं, जिसका पूरा फायदा शराब कारोबारी उठा रहे हैं और रीवा जिले में जनता को खुलेआम लूट रहे हैं.
क्या प्रशासन इस बेलगाम लूट को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह मनमानी ऐसे ही जारी रहेगी?