भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन को नया स्वरूप देने की दिशा में बड़ी पहल की जा रही है। इसके तहत भोपाल के साथ विदिशा, सीहोर, रायसेन और राजगढ़ को 18 से 30 मीटर चौड़ी सड़कों के माध्यम से एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा।

इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके अंतर्गत 27 प्रमुख और सहायक सड़कों का पुनर्निर्माण, नवनिर्माण और चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए 1700 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि प्रस्तावित की गई है।

मेट्रोपॉलिटन रीजन के मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने का कार्य तेजी से जारी है। भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) को इस योजना की नोडल एजेंसी

बनाया गया है। बीडीए के सीईओ श्यामबीर सिंह इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभारी मंत्री को प्रजेंटेशन दे चुके हैं, जिसमें पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को भी शामिल किया गया था।

पीडब्ल्यूडी का सक्रिय योगदान

पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर-इन-चीफ केपीएस राणा के अनुसार, बेहतर सड़क संपर्क और यातायात की सुविधा के लिए विभाग अपने स्तर पर कार्य कर रहा है। नए और वैकल्पिक मार्गों की पहचान कर उन्हें विकसित किया जा रहा है।

प्रमुख कनेक्टिविटी मार्ग

सीहोर: संत हिरदाराम नगर और नीलबड़ मार्ग पहले ही चौड़ा किया जा चुका है। अब चार नए मार्ग भी प्रस्तावित हैं।

राजगढ़: बैरसिया और नरसिंहगढ़ रोड के माध्यम से कनेक्टिविटी है, वहीं पाँच नए मार्गों पर काम शुरू होने वाला है।

विदिशा: वर्तमान में विदिशा रोड से संपर्क है। साथ ही, करोद और आसपास के चार नए मार्गों के निर्माण की योजना है।

रायसेन: रायसेन रोड और नर्मदापुरम रोड से मंडीदीप का जोड़ है। छह नए मार्गों को विकसित किया जाएगा।

मास्टर प्लान की रूपरेखा

इस मेट्रोपॉलिटन योजना के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति मई के अंत तक की जाएगी और आगामी 14 महीनों में मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।

यह योजना वर्ष 2051 की जनसंख्या और शहरी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएगी। हालांकि, फिलहाल तैयार नक्शे में बैरसिया के कुछ हिस्सों को शामिल नहीं किए जाने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।

यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी, बल्कि भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन को एक सशक्त और संगठित नगरीय ढांचा प्रदान करेगी, जिससे भविष्य में निवेश, रोजगार और जनसुविधाओं में भी इजाफा होगा।