राज्य कर्मचारियों के लिए रविवार का दिन कई सौगातों की सौगात लेकर आया, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रवीन्द्र भवन में आयोजित सम्मान समारोह में कर्मचारियों को राहत देने वाले कई बड़े ऐलान किए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “9 सालों से अटका मकान किराया भत्ता (HRA) कर्मचारियों का हक है, इसे रोका नहीं जाना चाहिए।” इस बयान ने कर्मचारियों के दिल को छू लिया। उन्होंने पुरानी व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि "अनावश्यक अड़चनें डालकर जो हक छीना गया, वो अब नहीं होगा।"

केंद्र के बराबर मिलेगा DA

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (DA) मिलेगा। उन्होंने इसे 'डबल इंजन सरकार' की ताकत बताते हुए कहा कि केंद्र के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने से राज्य को भी गति मिलेगी।

ट्रांसफर अब मानवीय आधार पर

स्थानांतरण नीति में लचीलापन लाने की बात करते हुए सीएम ने कहा, "अब तबादले तभी होंगे जब बच्चों की परीक्षाएं समाप्त हो जाएं और हालात अनुकूल हों।" यह बदलाव कर्मचारियों की पारिवारिक और मानसिक शांति को ध्यान में रखकर किया गया है।

भर्ती और PSC परीक्षाओं में नए बदलाव

सीएम ने बताया कि राज्य की PSC परीक्षाएं अब UPSC की तर्ज पर आयोजित की जाएंगी, जिससे एक ही परीक्षा से विभिन्न सेवाओं में चयन किया जा सके। इसके अलावा, हर जिले में पुलिस बैंड की बहाली की भी घोषणा की गई।

संकल्प पत्र को धरातल पर उतारने की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने 2023 के चुनावी संकल्प पत्र को अक्षरशः लागू करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, "रोजगार केवल सरकारी नौकरी नहीं, लेकिन फिर भी सभी खाली पदों को जल्द भरा जाएगा।

कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में मौजूद कर्मचारियों ने भावुक होते हुए कहा, "ये पहली बार हुआ है जब बिना प्रदर्शन, बिना ज्ञापन के हमारी मांगे मानी गई हैं।" इस पहल से कर्मचारियों में सरकार के प्रति विश्वास और संतोष दोनों बढ़ा है।