भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया को कल सर्वोच्च न्यायालय ने उस समय झटका दिया जब न्यायालय ने कंपनी की याचिका खारिज कर दी। जानकारी दे दी कि Vi के द्वारा कोर्ट में 5 अरब डॉलर से अधिक ऋण और जुर्माने को माफ करने का आवेदन किया था। हालांकि इससे पहले सरकार ने भी इस बड़ी मांग को ना मंजूर कर दिया था जिसके बाद टेलीकॉम कंपनी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद अब Vi को वहां से भी राहत नहीं मिली, ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या अब VI बंद हो जाएगा या फिर बीएसएनल में विलय हो जाएगा, अगर आप भी Vi के उपभोक्ता हैं तो जानिए आगे क्या हो सकता है।

क्या सचमुच बंद हो जाएगा Vi

जानकारी दे दे वोडाफोन आइडिया पर करीब 83,400 करोड रुपए का AGR लायबिल्टी है। जिसमें 12,797 करोड़ रुपए लिया हुआ कर्ज बाकी है। वही, 28,294 करोड़ रुपए ब्याज अभी भी कंपनी पर बाकी है। इसके अतिरिक्त 6,012 करोड़ रुपए जुर्माना और 11,151 करोड़ रुपए जुर्माने पर ब्याज इस नकद में सम्मिलित है। Vi के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने सरकार को जानकारी दी थी कि VI को अगर राहत नहीं मिली तो वह दिवालिया हो सकती है। कंपनी वर्ष 2025- 26 के बाद ऑपरेशन चालू नहीं रख पाएगी। ऐसे में अगर यह कंपनी बंद होती है तो 20 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लग सकता है। कंपनी का ऐसा मानना है कि Vi में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है। इसलिए उसे सभी ब्याज और बकाया से छूट दी जानी चाहिए

VI बन जाएगा BSNL हो सकता है विलय

जानकारी के अनुसार VI के और अधिक शेयर खरीद कर उससे भी राहत दी जा सकती है। पर कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी पहले ही सरकार के पास है। ऐसे में अगर सरकार और शेयर लेती है तो Vi एक सरकारी कंपनी बन सकती है। इस सूरत में सरकार दो सरकारी टेलीकॉम कंपनी चलाने से बेहतर Vi को बीएसएनल में भी लेकर उसे संचालित कर सकती है। अगर vi बीएसएनल में विलय होता है तो बीएसएनएल के कस्टमर बेस काफी मजबूत हो जाएगा और वह तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन जाएगी। जानकारी दे दें कि Vi का इतिहास ही विलय से शुरू हुआ था। जिसकी शुरुआत Essar से हुई थी फिर यह Hutchison Essar बनी जिसके बाद Hutch हुआ। इसके बाद Vodafone बना और अब jio के आने बाद vodafone - Idea बन गई

बचेगी सिर्फ दो बड़ी कंपनियां

अगर Vi बंद हो जाता है तो भारतीय टेलीकॉम बाजार में सिर्फ दो ही निजी प्लेयर रह जाएंगे। जिसमें टेलीकॉम बाजार में डुओपॉली का खतरा बन सकता है। इस स्थिति में दोनों टेलीकॉम कंपनियां अपने हिसाब से मार्केट को कंट्रोल करेंगे। जानकारी दे दें कि बाजार में भले ही बीएसएनल मौजूद नहीं है पर वह अपने ग्राहकों को बढ़ाने का मौका नहीं गंवाना चाहती। ऐसे में vi के भविष्य का सही-सही अंदाजा लगाने के लिए कुछ दिनों तक रुकना पड़ेगा।