रीवा में मरे व्यक्ति को जिंदा कर बेंच दी करोड़ों की जमीन,कलेक्टर ने कहा राजस्व अमला पर गिरेगी गाज!
In Rewa, a dead person was brought back to life and land worth crores was sold, the collector said that the revenue officials will be punished!
Rewa News: रीवा में भूमाफियाओं के कारनामों के बारे में सुनकर हर कोई हैरान है। रीवा में भूमाफिया इतने चालाक हैं कि वो ताजमहल और लाल किला को बिना किसी की भनक लगे बेच सकते हैं। ऐसा ही एक मामला रीवा में देखने को मिला है। जहां 30 एकड़ बेशकीमती जमीन की प्लाटिंग कर ग्राहकों को बेच दी गई, और जब इस बात की जानकारी जमीन मालिक के परिवार वालों को हुई तो उनके होश उड़ गए क्योंकि जमीन बेचने वाला उसका पिता निकला।
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जिसकी कई साल पहले मौत हो चुकी है. दरअसल भूमाफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी जमीन मालिक बनाया और प्रशासन की मदद से जमीन बेच दी, अब ये मामला SDM कोर्ट में है। कलेक्टर ने कहा है कि इस मामले में जांच के बाद जमीन मालिकों समेत प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि जांच के बाद की गई रजिस्ट्री को भी निरस्त किया जाएगा।
रीवा जिले में भूमाफियाओं ने ऐसा कारनामा किया कि मरे हुए आदमी के नाम पर फर्जी व्यक्ति बनाकर करोड़ों रुपए की जमीन का सौदा कर लिया. राज की बात यह है कि जब असली वारिस अपने दिवंगत पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज लेकर प्रशासनिक अफसरों के पास पहुंचा तो आवेदक को खारिज कर दिया गया। इस घटना की शिकायत के बाद अब SDM रीवा द्वारा जांच टीम गठित की गई है।
दरअसल आगरा के रहने वाले शिवाजी सिंह की रहरा में 30 एकड़ जमीन थी. यह जमीन शिवाजी ने 1972 में खरीदी थी, जिसके पूरे दस्तावेज मौजूद हैं. शिवाजी की मौत के बाद जब उनके परिजनों को पता चला कि उनकी जमीन पर कब्जा हो रहा है तो वो रीवा पहुंचे
और देखा कि 30 एकड़ जमीन नकली शिवाजी बनाकर बेची जा रही थी। इस बारे में जब प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई तो उन्होंने अर्जी खारिज कर दी. मामला कोर्ट में पहुंचा। बताया जा रहा है कि जो कथित शिवाजी सिंह सामने आया है।
उसका असली नाम दिग्विजय सिंह है और वो अयोध्या का रहने वाला है, जिसे रीवा के भूमाफियाओं ने बुलाकर बड़ा घोटाला किया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह ने बताया कि भूमाफियाओं ने कथित शिवाजी का फर्जी आधार कार्ड बनाकर जमीन बेच दी।
इस बारे में एसडीएम कार्यालय में शिकायत किए जाने के बाद अब जमीन में स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। दरअसल कथित शिवाजी द्वारा 90 लोगों को जमीन बेची गई थी, जिसके पीछे भूमाफियाओं का हाथ है।
वकील ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में राजेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह, सचिन सिंह और अशोक सिंह समेत कई भूमाफिया शामिल हैं। एक इनायत नगर, फैजाबाद का है और जैसा कि हमें अपनी जांच से पता चला है, वह दिग्विजय सिंह के नाम से जाना जाता है।
उसे यहां शिवाजी सिंह बना दिया गया है। हमारे पास उसके जीवन के केवल दो दस्तावेज हैं, जो हमारे पत्रकार को मिले। एक जमीन शिवाजी नाम के व्यक्ति ने खरीदी थी और उसकी मृत्यु 2014 में हो गई। दिग्विजय सिंह नाम का व्यक्ति अब शिवाजी बन गया है और उस जमीन पर कब्जा कर लिया है।
और 90 अलग-अलग लोगों को 90 प्लॉट भी प्लॉटिंग करके बेच दिए हैं। तो इस मामले की क्या भूमिका है? यह मामला जाली दस्तावेजों के जरिए निजी जमीन पर फर्जी प्लॉटिंग का मामला है और इसमें एसडीएम शामिल हैं। महोदय, कॉलोनाइजर एक्ट के तहत भी
कार्रवाई की जा रही है और यह मामला ऐसा है कि प्रथम दृष्टया यह माफिया टाइप का मामला लगता है, इसलिए हम इसकी गंभीरता से जांच करेंगे और जांच के बाद संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एक मुद्दा जो सामने आ रहा है वो ये कि कुछ पटवारी भी इसमें शामिल हैं और वो खुद भी उस प्लॉटिंग में भागीदार हैं। अगर किसी राजस्व अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है, क्योंकि जांच एसडीएम हुजूर कर रहे हैं और कहीं भी किसी राजस्व अधिकारी या किसी सरकारी अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है।
तो निश्चित तौर पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम में उन लोगों को भी शामिल किया गया है जो इसमें शामिल हैं। आइए राज रजिस्टर ऑफिस की जांच करते हैं और उसकी पूरी प्रक्रिया क्या होगी।
जांच के बाद रजिस्ट्री को रद्द करने की अपनी प्रक्रिया होती है जो सिविल कोर्ट के जरिए होती है। तो एक बार जांच के तथ्य पूरी तरह से साफ हो जाएं तो उसके बाद उसमें क्या सुधारात्मक उपाय किए जाने हैं, उसमें हम कार्रवाई करेंगे।