रीवा

देश का पहला ऐसा मंदिर जहां भगवान राम के भाई लक्ष्मण की होती है पूजा, इतिहासकारों ने खोजी रीवा रियासत कि दुर्लभ कहानी

Laxman bagh Mandir Rewa: रीवा में भगवान राम के भाई लक्ष्मण की पूजा की अनोखी परंपरा है. मान्यता है कि यहां चारों धाम के दर्शन का फल मिलता है साथ ही इतिहास कारों ने दुर्लभ कहानी खोजी है

देश में ऐसी आबादी आज भी मौजूद है जो आज तक चारों धाम की यात्रा नहीं कर पाए हैं. हालांकि सरकारों के द्वारा ऐसे दावे किए गए हैं कि वह लोगों को फ्री में चारों धाम की यात्रा कराएंगे. लेकिन रीवा में मौजूद एक ऐसा अद्भुत मंदिर है जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां दर्शन मात्र से ही चारों धाम की यात्रा का फल मिल जाता है। बघेल वंश के राजाओं ने रीवा के लक्ष्मण बाग मंदिर की स्थापना की इस मंदिर में चारों धाम के देवी देवताओं के विग्रह रूप स्थापित किए गए हैं मंदिर के पुजारी बालकृष्ण के मुताबिक इसकी स्थापना 1618 ईस्वी में की गई थी

ऐसे पड़ा रीवा के लक्ष्मण बाग मंदिर का नाम

इतिहासकार असद खान के अनुसार इस मंदिर के नाम के पीछे पुरानी कहानी है, दरअसल रीवा के बघेल राजाओं ने इस मंदिर की स्थापना की थी रीवा राजघराने के आराध्य देव भगवान राम के भाई लक्ष्मण है इसलिए रीवा राजघराने ने इस संस्थान का नाम लक्ष्मण बाग रख दिया. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि आज भी किले के राजगद्दी में भगवान लक्ष्मण विराजमान है. रीवा के बिछिया नदी तट स्थित यह मंदिर शहर और जिले में आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है इस मंदिर में लोग चारों धाम के दर्शन पूजन करने आते हैं

Photo source by Livegoodmorning

बिछिया नदी के तट पर मौजूद है यह मंदिर

जिला मुख्यालय से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्मण बाग मंदिर जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल माना गया है. यह मंदिर न सिर्फ रीवा बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां भगवान के चारों धाम स्वरूप के दर्शन होते हैं. मंदिर के तीनों तरफ बिछिया नदी है. लोगों को ऐसा लगता है कि जैसे बिछिया नदी लक्ष्मण बाग मंदिर की परिक्रमा कर रही हो यहां कई बड़े धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. इस मंदिर की स्थापना रीवा को अपनी राजधानी बनाने के बाद बघेल राजवंश के द्वारा कराई गई. मंदिर की आय कभी कम ना हो इसके लिए रीवा बघेल राजाओं ने मंदिर को जमीन दान किए थे.

लक्ष्मण बाग के पास करोड़ों की संपत्ति?

लक्ष्मण बाग संस्थान का मुख्यालय आज भी रीवा स्थित लक्ष्मण बाग मंदिर को माना जाता है, लेकिन इस संस्थान के द्वारा देश भर में मंदिरों का निर्माण कराया गया है पहले रीवा राजघराने के द्वारा लक्षण भाग संस्था को संचालित किया जाता था. उस समय रीवा के राजा के द्वारा देश के बड़े तीर्थ स्थलों में जमीन खरीद कर मंदिरों और आश्रमों के निर्माण में किया जाता था. जिससे रीवा के तीर्थ स्थलों में आने जाने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान रुकने ठहरने के लिए मिल सके

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

 

अमर मिश्रा

मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए  लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।संपादक - अमर मिश्रा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button