Mp news: अब मनमानी करने वाले अधिकारियों के मुसीबत बढ़ने वाली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा एक्शन ले लिया है अब सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हो रहे बुलडोजर कार्रवाई को लेकर लक्ष्मण रेखा खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा है कि अगर आरोपी या अपराधी के घर पर बुलडोजर चलाया जाता है तो मुआवजा भी देना होगा। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत देश में बुलडोजरों की मनमानी पर पूर्णतः रोक लगा दी गई है।
बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण रेखा खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने साफ कर दिया है कि अगर कोई आरोपी या अपराधी है तो उसका घर नहीं तोड़ा जा सकता और गलत तरीके से घर तोड़ने वाले अधिकारियों से निर्माण लागत और पीड़ित परिवार को मुआवजा वसूला जाएगा।
बुलडोजर कांड पर 95 पन्नों के फैसले के पहले पन्ने पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने मशहूर कवि प्रदीप की कविता ‘अपना घर हो अपने आंगन हो’ को उद्धृत किया है। हर कोई इसी सपने में जीता है, यही इंसान के दिल की चाहत है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सिर्फ सार्वजनिक सड़कों, रेलवे ट्रैक या जल निकायों पर किए गए अतिक्रमण को ही ध्वस्त किया जा सकता है।
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इन मामलों में भी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार बुलडोजर कार्रवाई के बाद जमात लमए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर न्याय पर विस्तृत फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा गया है कि बिना तय प्रक्रिया पूरी किए बुलडोजर से किसी भी तरह की तोड़फोड़ अवैध है।
अफसरों पर कार्रवाई होगी इस मामले में याचिका लगाने वाले वकील ने बताया की कोर्ट के फैसले का क्या मतलब है, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने जो विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं, जो पूरे देश में लागू होंगे। ये एक ऐतिहासिक फैसला है। सबसे पहले जो बुलडोजर अवैध रूप से चल रहा था, जिसका इस्तेमाल किसी का भी घर तोड़ने के लिए किया गया था, वहां 10 घर थे, जिसमें से सिर्फ एक घर को उठाकर तोड़ा गया और ये सब चीजें अब बंद हो जाएंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों को व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी है, तो इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम एक समग्र फैसला निकालेंगे। हम इसका आगे अध्ययन करेंगे, लेकिन ये अपने आप में बहुत ऐतिहासिक फैसला है। बुलडोजर अभियान, जिसका नाम दिया गया था, अब बंद हो जाएगा। इसमें कोर्ट ने कहा है कि हर जिले में एक पोर्टल होगा और जिला अधिकारी एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुआवजे का प्रावधान भी किया गया है। कुल मिलाकर यह एक ऐसा विस्तृत निर्णय है जिसकी रोशनी लंबे समय तक चमकेगी और दूर तक जाएगी। इसमें बिल्कुल भी कुछ छूटा नहीं है। किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि बुलडोजर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अगर सड़क पर कोई कानूनी अतिक्रमण है, अब वह नाला और जल निकाय के बीच है या जंगल में है, तो वहां पर तोड़फोड़ की अनुमति होगी, लेकिन यह एक उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए किया जाएगा,
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मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा