MP news: एमपी के 5 जिलों के 25 पुलिस कांस्टेबल को एक सप्ताह के अंदर सस्पेंड किया गया है। इन आरक्षकों की गलती इतनी थी कि उन्होंने 15 अगस्त की परेड के लिए बैंड प्रशिक्षण में जाने से इनकार कर दिया था
MP News प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ हर जिले में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस कांस्टेबल को सस्पेंड किया गया है. इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आदेश का पालन नहीं करने पर यह सर्जरी की गई है
वही सस्पेंड कांस्टेबल का तर्क है कि हमारी भर्ती जनरल ड्यूटी के लिए की गई थी बैंड बजाने के लिए नहीं, मध्य प्रदेश के मंदसौर रायसेन खंडवा हरदा और सीधी में प्रशासन का बड़ा एक्शन हुआ है
यह मामला दो बार न्यायालय में भी जा चुका है पुलिस मुख्यालय में तीन बार इसको लेकर अलग-अलग आदेश भी जारी हुए हैं तो यह एक-एक को बड़ी बारीकी से समझते हैं
क्या है पूरा मामला MP News
वर्ष 2023 के अंत यानी 13 दिसंबर को सीएम मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. सीएम बनते ही उन्होंने सभी तरह के फैसले लिए तीसरे दिन के लिए कुछ फैसलों में से एक फैसला था कि एमपी की हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना होगी
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस हेड क्वार्टर भोपाल से एडीजी साजिद फरीद समूह में 18 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिलों के एसपी के नाम आदेश जारी किए. आदेश में लिखा कि हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना की जानी चाहिए
पदस्थ आरक्षण से लेकर एस आई रैंक तक के कर्मियों को लिस्ट 25 दिसंबर तक विशेष सुरक्षा बल मुख्यालय तक आवश्यक तौर पर भेजे गए. भेजे गए नाम ऐसे होने चाहिए जो 45 वर्ष की उम्र से कम हो साथ ही वह बैंड दल में शामिल होने के लिए इच्छुक भी हो
उनकी लिखित सहमति के बाद आवेदन पत्र के साथ ही सूची विशेष सुरक्षा बल मुख्यालय को भेजी इस आदेश के बाद 10 जनवरी से भोपाल इंदौर और जबलपुर में 90 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई इस प्रशिक्षण में राज्य के सभी बटालियन के 330 शामिल हुए थे
आदेश को आरक्षकों ने कोर्ट में चुनौती दी, कोर्ट ने लगाया स्टे
पहले आदेश के बाद दो और आदेश जारी हुए एक आदेश 31 दिसंबर तो दूसरा आदेश 9 फरवरी को जारी हुआ जिसमें स्पष्ट शब्दों में लिखा गया था कि जो भी जवान बैंड दल ज्वाइन करने के इच्छुक हो उनके नाम सूची ही आगे बढ़ाई जाए
आदेश की बाद कई जिलों के पुलिस अधीक्षक ने आरक्षकों को बगैर उनकी सहमति के बैंड में नॉमिनेट किया है इसके खिलाफ रतलाम राजगढ़ गुनाम मंदसौर भिंड ग्वालियर मुरैना नीमच शाहजहांपुर शिवपुरी देवास जिलों के करीब 29 आरक्षकों ने हाईकोर्ट के इंदौर बैच में याचिका दायर की
आरक्षकों की तरफ से दायर की गई याचिका में वकीलों ने दलील दी आरक्षकों ने बैंड दल में न जाने की इच्छा नहीं जताई है ना ही कोई लिखित सहमति दी है इसके बावजूद भी उन्हें बैंड दल में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया है बाकी के जवान प्रशिक्षण लेते रहेंगे
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा