MP Board Exam 2025: पेपर लीक होगा बंद! रीवा मंडल में उत्तर पुस्तिकाओं पर शिक्षकों की सख्त नजर, खास इंतजाम से कॉपियों कि जांच
मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित होने वाली है। साठी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए करें इंतजाम किए जा रहे हैं
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इस साल मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP बीएसई) पेपर लीक सहित कॉपी जांचने, निगरानी जैसे सुरक्षा में कड़े इंतजाम किए हैं. करीब 41,000 शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का कार्य करेंगे. जबकि 10% शिक्षक रिजर्व के तौर पर तैयार रहेंगे, एक शिक्षक को एक दिन में अधिकतर 45 कॉपी जांच कर सकेंगे। पहले 30 कॉपी जांचने के बाद ही उन्हें अतिरिक्त 15 कॉपियां दी जाएगी
मंडल उन्हें कॉपी जांचने के लिए दसवीं की प्रति कॉपी पर 15 और 12वीं की प्रति कॉपी पर₹16 का भुगतान करेगा जिसका निर्णय लिया गया है. यहां तक की कॉपी जांचने में लापरवाही करने पर शिक्षकों पर ₹100 का जुर्माना भी लगाया जाएगा
टॉपरों की कॉपियों कि दोबारा होगी जांच, 90% अंक निर्धारित
MP बोर्ड ने निर्देश दिए हैं और कहां है कि जिन छात्रों के 90% से अधिक अंक आएंगे उनकी कॉपियों की दोबारा जांच होगी. इन कॉपियों को विषय शिक्षक के साथ-साथ मुख्य परीक्षा एवं उपमुख्य परीक्षक जांचेंगे। इसके अलावा, मेरिटोरियस की कॉपियां भी दोबारा जांच में जाएगी
मॉडल आंसर सीट से कॉपियों की होगी जांच
शिक्षक जब कॉपी जांचेंगे तो उनको मॉडल आंसर सीट उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके आधार पर वह छात्रों के उत्तरों का मूल्यांकन आसानी से कर सकेंगे. साथ, नंबरों को टोटल कम से कम दो तीन बार दोबारा जांचने के आदेश दिए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की गलती ना हो।
अगर कोई प्रश्न में छात्र ने आंशिक उत्तर दिया है तो उसे आधे यानी कि 2/1 नंबर दिए जाएंगे, मंडल का ऐसा मानना है कि इन सख्त नियमों से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता में वृद्धि होगी और छात्रों को उनके वास्तविक अंक मिल सकेंगे
सीसीटीवी और जैमर की सीमित व्यवस्था उपलब्ध
इस साल केवल मूल्यांकन केंद्रों पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिनकी निरंतर मॉनिटरिंग होती रहेगी. हालांकि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने की कोई योजना नहीं बनी है. इसके अलावा करीब 200 से अधिक संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर ही जैमर लगाए जाएंगे। मंडल का ऐसा मानना है की परीक्षा केंद्रों पर अधिकारियों के मोबाइल फोन पहले से प्रतिबंधित है इसलिए जैमर की जरूरत नहीं है।
कॉपियां जचने के लिए बनाए जाएंगे केंद्र
माध्यमिक शिक्षा मंडल कॉपियां चेक कराने के लिए केंद्र बनाते हैं. यह अलग-अलग जगह पर निर्धारित होते हैं और सामान्य रूप से जिस विद्यालय का शिक्षक होता है वह वहां कॉपी चेक नहीं करता. उसे किसी दूसरे स्कूल में तैनात किया जाता है। कॉपी जांचने वाले शिक्षकों के केंद्र पहले से तय नहीं होते और किसकी ड्यूटी कहां लगेगी यह भी जानकारी नहीं होती है। घर पर कॉपी लाना अलाउड नहीं होता। संभवतः जिले में केंद्र बनाए जा सकेंगे।