8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने बजट 2025 से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल, मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन का फैसला ऐसे समय में लिया है। जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 फीसदी हो गया है।

केंद्रीय कर्मचारी और पेंशन भोगी लंबे समय से इस राहत की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, अब तक जब संसद में इससे जुड़े सवाल पूछे गए तो सरकार ऐसे किसी प्रस्ताव की बात नहीं करती दिखी, लेकिन अब अचानक सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को यह तोहफा देने का रास्ता साफ कर दिया है।

आठवें वेतन आयोग के बाद कितनी बढ़ेगी सैलरी

अगर जनवरी 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 34,560 रुपये होने का अनुमान है। अगर हम वर्ष 2004 से जोड़ें तो नौकरी में 25 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों का पहला बैच 2029 में रिटायर होगा।

अब मान लीजिए 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद लेवल-1 के किसी कर्मचारी का मूल वेतन 34,560 रुपये हो गया है, तो इस राशि का 50% 17,280 रुपये हुआ। इस हिसाब से कर्मचारी को पेंशन के तौर पर 17,280 रुपये +डीआर मिलेगा।

हालांकि, ऐसा बहुत कम मामलों में ही होगा कि लेवल-1 पर नौकरी जॉइन करने के बाद कोई कर्मचारी रिटायरमेंट तक उसी लेवल पर बना रहे। यह लेवल प्रमोशन और दूसरे नियमों के हिसाब से समय-समय पर बढ़ता रहता है। इसलिए कर्मचारी को पेंशन के तौर पर काफी ज्यादा पैसे मिलेंगे।

7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था

वेतन आयोग से जुड़े इतिहास पर नजर डालें तो यह हर 10 साल में बदलता रहा है, 7वें वेतन आयोग से पहले 4वें, 5वें और 6वें वेतन आयोग का कार्यकाल बराबर 10 साल का था, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है।

अगर वर्तमान में लागू 7वें वेतन आयोग की बात करें तो इसे साल 2016 में लागू किया गया था और दिसंबर 2025 में इसके 10 साल पूरे होंगे, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आठवें वेतन आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी है।