8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और श्रमिक महासंघ ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने आठवें वेतन आयोग के गठन की अपील की है। बढ़ती महंगाई और मुद्रा के मूल्य में गिरावट को ध्यान में रखते हुए यह मांग की गई है।विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। महासंघ 130 से अधिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। सभी 130 संगठन वेतन संशोधन की मांग कर रहे हैं।

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हर पांच साल में वेतन संशोधित होगा

महासंघ का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन ऐसा होना चाहिए कि देश की शीर्ष प्रतिभाएं सरकारी सेवाओं की ओर आकर्षित हों। इसलिए हर पांच साल में वेतन संशोधन की प्रक्रिया अनिवार्य होनी चाहिए।

प्रक्रिया समय पर शुरू होनी चाहिए

वेतन आयोग के गठन और उसके क्रियान्वयन में लगने वाला समय स्वाभाविक है। पिछली बार आयोग को रिपोर्ट तैयार करने में दो साल लगे थे और सरकार को इसे लागू करने में छह महीने से अधिक का समय लगा था। इस वजह से प्रक्रिया को समय पर शुरू करना जरूरी हो जाता है।

ताकि 1 जनवरी 2026 से वेतन को प्रभावी तरीके से संशोधित किया जा सके। महंगाई और बदलते आर्थिक हालात ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का जीवन मुश्किल बना दिया है। आठवें वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों का जीवन आसान हो जाएगा।

महंगाई और वेतन समीक्षा की जरूरत

महासंघ के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में आखिरी बार 1 जनवरी 2016 को संशोधन किया गया था। तब से अब तक महंगाई भत्ते में 53 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। कोविड-19 के बाद से महंगाई और बढ़ गई है। ब्याज दरें बढ़ने से कर्मचारियों की आय की क्रय शक्ति पर काफी असर पड़ा है। महंगाई और बदलते आर्थिक हालात के कारण वेतन संशोधन की जरूरत और भी ज्यादा अहम हो गई है।