मध्य प्रदेशरीवा संभाग

Rewa news: रीवा के बिछिया अस्पताल में ‘पार्किंग माफिया’ के लुटाई का  नंगा नाच:

Share With Others

Rewa news: रीवा जिले के बिछिया अस्पताल में अवैध वसूली का गोरखधंधा अब आतंक का पर्याय बन चुका है। अस्पताल परिसर में आने वाले हर मरीज और उनके परिजनों को पार्किंग के नाम पर खुलेआम लूटा जा रहा है, और विरोध करने पर गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं आम हो गई हैं। सबसे शर्मनाक बात यह है कि ये पार्किंग माफिया बेखौफ होकर यह धमकी दे रहे हैं कि “पुलिस प्रशासन हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता!” यह सिर्फ अवैध वसूली नहीं, बल्कि खुलेआम गुंडागर्दी और प्रशासन को चुनौती है।

पीड़ितों की मानें तो बिछिया अस्पताल की पार्किंग में कोई निर्धारित रेट सूची नहीं है। ठेकेदार और उसके गुर्गे अपनी मनमानी और दादागिरी से पैसे वसूलते हैं। हर एक घंटे में 10 रुपये की बसूली का खेल चल रहा है क्या इस कि जानकारी CMHO को न होगी और है तो फिर अब तक कार्यवाई क्यो नही । हाल ही में, बिछिया जिला अस्पताल में उपचार कराने  राम कुशवाहा और उनकी पत्नी गई तो पार्किंग ठेकेदारों के कर्मचारियों ने उनसे पर घंटे ₹10 के हिसाब से वसूली की और इस पर घंटे की वसूली का विरोध करने  इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, तो उनके साथ अभद्रता और धक्का-मुक्की की गई। यह घटना चीख-चीख कर बता रही है कि यह सिर्फ पैसों का खेल नहीं, बल्कि सरकारी संस्थाओं में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार और अराजकता का जीता-जागता उदाहरण है।

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस अस्पताल को जनता की सेवा और स्वास्थ्य लाभ के लिए बनाया गया है, वहीं पर भ्रष्टाचार और अपराधियों का बोलबाला है। स्वास्थ्य व्यवस्था जैसी बुनियादी और संवेदनशील जगह पर इस तरह की अवैध गतिविधियां न केवल मरीजों को आर्थिक रूप से निचोड़ रही हैं, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न भी झेलना पड़ रहा है। लोग इलाज कराने आ रहे हैं या डकैती का शिकार होने?

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर रीवा का जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इस खुलेआम चल रहे भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी पर मौन क्यों है? क्या उन्हें जनता की पीड़ा दिखाई नहीं देती? क्या उन्हें इस अस्पताल परिसर में चल रहे पार्किंग माफिया के आतंक की जानकारी नहीं है? या फिर इस अवैध धंधे को किसी ऊंचे संरक्षण का बल मिला हुआ है? क्या बिछिया अस्पताल का प्रशासन भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त है, या इतना कमजोर है कि इन्हें रोक नहीं पा रहा?

 

रीवा की जनता जानना चाहती है कि कब उन्हें इस अन्याय और शोषण से मुक्ति मिलेगी। यह सिर्फ बिछिया अस्पताल का मामला नहीं, बल्कि समूची सरकारी व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कमी का प्रतीक है।
जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता! अब समय आ गया है कि प्रशासन अपनी गहरी नींद से जागे और इस अवैध वसूली, गुंडागर्दी और खुलेआम धमकी पर तुरंत लगाम लगाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *