: रीवा में बाढ़ का कहर: भाजपा विधायक के फार्म हाउस में घुसा पानी, सरकार की कार्यशैली पर उठे सवाल
Mp mansoon: मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले में शुक्रवार को 20 घंटे से अधिक समय तक हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। लगातार और भीषण वर्षा के कारण नदियाँ और नाले उफान पर आ गए, जिससे निचले इलाकों की बस्तियाँ जलमग्न हो गईं और कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस प्राकृतिक आपदा से भाजपा के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक नागेंद्र सिंह का बीहर नदी के किनारे स्थित फार्म हाउस भी अछूता नहीं रहा।
उनके फार्म हाउस का निचला हिस्सा पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गया, और पानी बेडरूम तक पहुँच गया। इस घटना से व्यथित विधायक नागेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे प्रशासन की लापरवाही का परिणाम बताया।
Mp mansun: बारिश का तांडव और जल प्रलय की स्थिति
शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे से शनिवार सुबह तक रीवा के विभिन्न इलाकों में बिना रुके बारिश होती रही, जिसने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से बाधित कर दिया। शहर की सड़कें दरिया बन गईं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति भयावह हो गई। नदियों का जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया, जिससे कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया। घरों में पानी भरने से लोग घंटों तक फंसे रहे, और कई स्थानों पर लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, प्रशासनिक अमला हरकत में आया और तुरंत नगर निगम की टीम के साथ राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम को राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजा गया। SDRF की टीमों ने अथक प्रयास करते हुए लगभग 23 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
Mp mansun: विधायक के फार्म हाउस में घुसा पानी: बेडरूम तक पहुंचा जलस्तर
बीहर नदी का बढ़ता जलस्तर अपने साथ कई मुश्किलें लेकर आया। नदी किनारे, लाड़ली लक्ष्मी पथ जाने वाले रास्ते पर स्थित गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह का विशाल फार्म हाउस भी इसकी चपेट में आ गया। शुक्रवार रात से पानी धीरे-धीरे फार्म हाउस में घुसना शुरू हुआ और शनिवार शाम तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि घर का पूरा ग्राउंड फ्लोर एक विशाल तालाब में बदल गया। फार्म हाउस के अंदर के कमरों, यहाँ तक कि विधायक के बेडरूम तक पानी पहुँच गया।
इस अप्रत्याशित स्थिति को देखकर विधायक नागेंद्र सिंह ने अपनी ही राज्य और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “यह विडंबना है कि मेरी ही सरकार है और आज मेरा ही घर पानी में डूबा हुआ है। यह दिखाता है कि प्रशासन की कितनी ढीली पकड़ है। आज रीवा ही नहीं, बल्कि पूरा भारत बाढ़ से प्रभावित है। हमें इस आपदा से निपटने के लिए ठोस रणनीति और स्थायी समाधान की आवश्यकता है।”
सरकार पर उठे सवाल: क्या प्रशासन था लापरवाह?
विधायक नागेंद्र सिंह के बयान ने रीवा में बाढ़ प्रबंधन और आपदा तैयारियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लगातार हो रही बारिश और नदी के बढ़ते जलस्तर के बावजूद प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए। उनका कहना था कि यदि समय रहते नदियों की सिल्ट निकाली जाती और जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाता, तो शायद इस तरह की स्थिति से बचा जा सकता था। उनके इस बयान ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन नीतियों पर भी उंगली उठाई है। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुँचाने की मांग की है।
आगे की राह: आपदा से निपटने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता
रीवा की यह घटना देश भर में बाढ़ की बढ़ती घटनाओं के बीच एक गंभीर चेतावनी है। जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक वर्षा और अप्रत्याशित मौसम की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं। ऐसे में, सरकारों को बाढ़ प्रबंधन और आपदा तैयारियों के लिए एक एकीकृत और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसमें नदियों की नियमित गाद निकासी, जल निकासी प्रणालियों का आधुनिकीकरण, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाना, और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को और मजबूत करना शामिल है। जनता को भी आपदा के प्रति जागरूक करना और उन्हें सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है। जब तक सरकार, प्रशासन और जनता मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करना मुश्किल होगा।